लाइव न्यूज़ :

जयराम रमेश ने अडानी समूह मामले की जांच के लिए RBI-SEBI को लिखा पत्र, केंद्रीय बैंक से इन दो पहलुओं की जांच का आग्रह किया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 15, 2023 11:51 IST

रमेश ने सेबी प्रमुख को लिखे पत्र में कहा कि अडानी समूह के खिलाफ लगे आरोपों से परेशान हैं। उनका कहना है कि कई भारतीय कानूनों के उल्लंघन की आशंका के साथ यह उन सब बातों के खिलाफ जाता है जिनके लिए सेबी है।

Open in App
ठळक मुद्देकांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह पत्र ट्विटर पर साझा किए हैं।कांग्रेस नेता ने आग्रह किया कि अडानी समूह के खिलाफ लगाए गए कई आरोपों की एक पूर्ण स्वतंत्र जांच की जानी चाहिए।

नयी दिल्लीः कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास और सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को दो अलग-अलग पत्र लिखकर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी ग्रुप पर लगाए गए आरोपों की जांच की मांग की है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह पत्र ट्विटर पर साझा किए हैं। दास को लिखे पत्र में रमेश ने आग्रह किया कि रिजर्व बैंक को सुनिश्चित करना चाहिए कि अडानी समूह पर मौजूदा कर्ज और भविष्य में मिलने वाले कर्ज के चलते भारत की बैंकिंग प्रणाली अस्थिर न हो जाए। उन्होंने दोहराया कि अडानी समूह के खिलाफ लगाए गए कई आरोपों की एक पूर्ण स्वतंत्र जांच की जानी चाहिए।

जयराम रमेश ने रिजर्व बैंक द्वारा दो पहलुओं की जांच कराए जाने का आग्रह किया है। पहला यह कि अडानी समूह का कुल कितना कर्ज भारतीय बैंकिंग प्रणाली से जुड़ा है और दूसरा यह कि अडानी समूह ने इसको लेकर क्या प्रत्यक्ष और परोक्ष गारंटी दी कि विदेशी कर्ज नहीं मिलने पर भारतीय बैंक उसे प्रोत्साहन देंगे।” कांग्रेस नेता ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि विदेशी वित्त के स्थान पर कोई भारतीय बैंक पैसा नहीं लगाएं।

रमेश ने सेबी प्रमुख को लिखे पत्र में कहा कि अडानी समूह के खिलाफ लगे आरोपों से परेशान हैं। उनका कहना है कि कई भारतीय कानूनों के उल्लंघन की आशंका के साथ यह उन सब बातों के खिलाफ जाता है जिनके लिए सेबी है। उन्होंने कहा, “हम आपसे आग्रह करते हैं कि आप जांच कराएं और इसको लेकर पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करें कि अडानी समूह की कंपनियो में कौन निवेश कर रहा है।” 

कांग्रेस नेता ने पत्र में सवाल उठाया है कि भारतीय जीवन बीमा निगम और भारतीय स्टेट बैंक जैसे राष्ट्रीय महत्व के वित्तीय संस्थानों ने अडानी समूह की इक्विटी को भारी मात्रा में क्यों खरीदा है, जब अधिकांश निजी फंड गंभीर रूप से अंडरवेट थे।"

जयराम रमेश ने पत्र में दावा किया कि एलआईसी, जिस पर 30 करोड़ भारतीय अपनी जीवन भर की बचत का भरोसा करते हैं, ने हाल के दिनों में अडानी समूह के शेयरों में हजारों करोड़ रुपये खो दिए हैं। बकौल जयराम, क्या हमें यह सुनिश्चित नहीं करना चाहिए कि ऐसे सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थान अपने निजी क्षेत्र के समकक्षों की तुलना में अपने निवेश में अधिक रूढ़िवादी हैं और ऊपर से दबाव से मुक्त हैं?” 

भाषा इनपुट के साथ

टॅग्स :Jairam Rameshभारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई)गौतम अडानीGautam Adani
Open in App

संबंधित खबरें

भारतरेपो दर में कटौती से घर के लिए कर्ज होगा सस्ता, मांग बढ़ेगी: रियल एस्टेट

कारोबारRBI Monetary Policy: 25 बेसिस पॉइन्ट की कटौती, लोन में सुविधा; जानें आरबीआई की MPC बैठक की मुख्य बातें

कारोबारShare Market Today: RBI के ब्याज दर कटौती से शेयर बाजार में तेजी, घरेलू शेयरों ने पकड़ी रफ्तार

भारतRBI MPC Meet: लोन होंगे सस्ते, RBI ने रेपो रेट 25 बेसिस पॉइंट्स घटाकर 5.25% किया

कारोबारRupee vs Dollar: अब तक के सबसे निचले स्तर पर रुपया, डॉलर के मुकाबले 28 पैसे टूटा; जानें कैसे उठेगा

भारत अधिक खबरें

भारत2026 विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में हलचल, मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की आधारशिला, हुमायूं कबीर ने धर्मगुरुओं के साथ मिलकर फीता काटा, वीडियो

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल

भारतHardoi Fire: हरदोई में फैक्ट्री में भीषण आग, दमकल की गाड़ियां मौके पर मौजूद

भारतबाबासाहब ने मंत्री पद छोड़ते ही तुरंत खाली किया था बंगला

भारतWest Bengal: मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी शैली की मस्जिद’ के शिलान्यास को देखते हुए हाई अलर्ट, सुरक्षा कड़ी