बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सभी आरोपियों को क्लीनचिट, फैसले के बाद कोर्ट रूम में लगे जय श्री राम के नारे
By विनीत कुमार | Updated: September 30, 2020 12:52 IST2020-09-30T12:52:13+5:302020-09-30T12:52:25+5:30
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को लाल कृष्ण आडवाणी समेत सभी 32 आरोपियों को बरी करने का फैसला सुनाया। इस फैसले के बाद कोर्ट में जय श्री राम के नारे भी लगे।

बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में 28 साल बाद फैसला
अयोध्या में 28 साल पहले 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में बुधवार को कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया। इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला सुनाया। सीबीआई की विशेष अदालत के जस्टिस एसके यादव ने अपना फैसला पढ़ते हुए कहा कि ये घटना पूर्व नियोजित नहीं थी।
जज ने अपने शुरुआती कमेंट में कहा कि ये घटना अचानक ही हुई थी। कोर्ट में जैसे ही जज ने सभी आरोपियों को बरी किए जाने का फैसला सुनाया, जय श्री राम के नारे लगने लगे।
Special CBI Court observed that the 1992 Babri Masjid demolition was not pre-planned. https://t.co/dwpyHkDM6X
— ANI (@ANI) September 30, 2020
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई अदालत को मामले का निपटारा 31 अगस्त तक करने के निर्देश दिए थे लेकिन पिछले 22 अगस्त को यह अवधि एक महीने के लिए और बढ़ा कर 30 सितंबर कर दी गई थी।
सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले की रोजाना सुनवाई की थी। केंद्रीय एजेंसी सीबीआई ने इस मामले में 351 गवाह और करीब 600 दस्तावेजी सुबूत अदालत में पेश किए। इस मामले में कुल 48 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था जिनमें से 17 की मामले की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो चुकी है।
बाबरी मामले में कौन-कौन थे अभियुक्त
इस मामले में लालकुष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, साघ्वी ऋतंभरा, महंत नृत्य गोपाल दास, डा. राम विलास वेदांती, चंपत राय, महंत धर्मदास, सतीश प्रधान, पवन कुमार पांडेय, लल्लू सिंह, प्रकाश शर्मा, विजय बहादुर सिंह, संतोष दूबे, गांधी यादव, रामजी गुप्ता, ब्रज भूषण शरण सिंह, कमलेश त्रिपाठी, रामचंद्र खत्री, जय भगवान गोयल, ओम प्रकाश पांडेय, अमर नाथ गोयल, जयभान सिंह पवैया, महाराज स्वामी साक्षी, विनय कुमार राय, नवीन भाई शुक्ला, आरएन श्रीवास्तव, आचार्य धमेंद्र देव, सुधीर कुमार कक्कड़ व धर्मेंद्र सिंह गुर्जर अभियुक्त थे।
बताते चलें कि लालकृष्ण आडवाणी ने गत 24 जुलाई को सीबीआई अदालत में दर्ज कराए गए बयान में तमाम आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि वह पूरी तरह से निर्दोष निर्दोष हैं। उन्होंने कहा था कि राजनीतिक कारणों से इस मामले में घसीटा गया है।
इससे एक दिन पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने भी लगभग ऐसा ही बयान देते हुए खुद को निर्दोष बताया था। कल्याण सिंह ने गत 13 जुलाई को सीबीआई अदालत में बयान दर्ज कराते हुए कहा था कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने सियासी बदले की भावना से प्रेरित होकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।