मां दुर्गा से नहीं की जा सकती राम की तुलना, नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा- बंगाली संस्कृति का 'जय श्री राम' से नहीं है कोई संबंध
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 6, 2019 10:24 AM2019-07-06T10:24:52+5:302019-07-06T10:24:52+5:30
अमर्त्य सेन ने कहा कि उमैंने अपने चार साल की पोती से पूछा कि तुम्हारा पसंदीदा देवता कौन है? उसने जवाब दिया 'मां दुर्गा।'
बंगाल में लोकसभा चुनाव से ही राम के नारे का जोर शोर से इस्तेमाल किया जा रहा है। इस नारे को कभी किसी को चिढ़ाने के लिए तो कभी हिंसा के लिए इस्तेमाल किए जाने के मामले बढ़े हैं। नारे से जुड़े इस विवाद में अब नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भारतीय अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन भी शामिल हो गए हैं। राम के नारे पर अमर्त्य सेन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है...
अमर्त्य सेन ने कहा कि अब जय श्री राम के नारे का इस्तेमाल लोगों को पीटने के लिए किया जाता है। मुझे लगता है कि इस नारे का बंगाली संस्कृति से कोई संबंध नहीं है। आजकल कोलकाता में राम नवमी ज्यादा मनाई जाती है, जबकि इससे पहले मैंने नहीं सुना था।
उन्होंने कहा कि मैंने अपने चार साल की पोती से पूछा कि तुम्हारा पसंदीदा देवता कौन है? उसने जवाब दिया 'मां दुर्गा।' मां दुर्गा के महत्व की तुलना राम नवमी से नहीं की जा सकती।
Nobel laureate Amartya Sen: I asked my four-year-old grandchild who is your favourite deity? She replied, 'Maa Durga'. The significance of Maa Durga can't be compared with Ram Navami. (July 5) https://t.co/pnXqrNNjTi
— ANI (@ANI) July 6, 2019
अमर्त्य सेन ने कहा कि मां दुर्गा हमारी जिंदगी में मौजूद हैं। मुझे लगता है कि जय श्री राम जैसा नारा लोगों को पीटने के लिए बहाने या आड़ के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
यह नारा लोगों की श्रद्धा से ज्यादा अब सियासी नारे की तरह पहचान बनाता जा रहा है और सियासी गलियारों में ही ज्यादातर गूंजता भी दिखता है। बंगाल की बात करें तो वहां जय श्री राम का नारा बीजेपी की पहचान बन गया है। इस नारे को लगाने वाले की पहचान भारतीय जनता पार्टी के समर्थक के तौर पर होती है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कई बार लोग 'जय श्री राम' के नारे से चिढ़ाते नजर आ चुके हैं।
इस पूरे मामले में पश्चिम बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने प्रतिक्रिया दिया है। अमर्त्य सेन की जय श्री राम के नारे का बंगाली संस्कृति से कोई संबंध न होने पर की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए दिलीप घोष ने कहा कि अमर्त्य सेन शायद बंगाल को नही जानते हैं। क्या वह बंगाली या भारतीय संस्कृति के बारे में जानते हैं। जय श्री राम बहुत से गांवों में बोला जाता है और अब पूरे बंगाल में जय श्री राम बोला जाता है।