दुमका:झारखंड के दुमका जिले में कथित गैंगरेप की घटना पर आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी का एक विवादित बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि किसी ने भी यह नहीं सोचा होगा कि एक आदिवासी इलाके में लड़की या महिला के साथ कभी बलात्कार होगा।
आदिवासी संस्कृति में कभी कोई बलात्कार रहा ही नहीं लेकिन उपभोक्तावादी संस्कृति और आधुनिकता से लोग महिलाओं को उपभोग के वस्तु के रूप में देखने लगे। राजद नेता ने रेप के मामलों के लिए सिनेमा में आयटम डांस, विज्ञापन और मोबाइल फोन में अश्लील तस्वीर को जिम्मेदार बताया। कहा कि ये सभी चीजें मिलकर बलात्कार की मानसिकता को तैयार करते हैं।
शिवानंद तिवारी ने कहा, 'इस तरह की घटनाएं इधर कुछ वर्षों में बढ़ी हैं और उसका एक बड़ा कारण ये हैं कि हमारी जो संस्कृति है।' शिवानंद तिवारी ने कहा, 'आदिवासी इलाके में कोई कल्पना नहीं कर सकता था कि कभी किसी लड़की या औरत का बलात्कार होगा। बलात्कार आदिवासी संस्कृति में कभी रहा ही नहीं। लेकिन जब से अधुनिकीकरण के नाम पर आधुनिक समाज बनाने के नाम पर ये जो उपभोगतावादी संस्कृति का चलन शुरू हुआ, उसने औरतों को एक उपभोग का वस्तु बनाकर पेश किया।'
आरजेडी नेता ने कहा, 'सिनेमा में आइटम डांस हो, विज्ञापन हो या मोबाइल फोन में पॉर्नोग्राफी हो, ये सब मिलजुल कर बलात्कार की मानसिकता को तैयार करते हैं। इसका आदिवासी इलाके में जाने का मतलब है कि ये समाज के अंतिम हिस्से तक चला गया और देश में कई इलाके ऐसे हैं, जहां इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।'
बता दें कि शिवानंद तिवारी का बयान दुमका की घटना को लेकर सामने आया है। जानकारी के अनुसार, झारखंड के दुमका में पति की मौजूदगी में 17 लोगों ने कथित रूप से एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया, जिसके बाद बुधवार को इस सिलसिले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।