देश में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है और अब तक 19984 लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं। इस मुश्किल समय में मास्क और पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE) की कमी को पूरा करने के लिए भारतीय सेना और अर्धसैनिक बल के जवान सामने आए हैं।
दिल्ली में बुधवार को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने सबोली दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर स्थित एसएस बटालियन के जवानों द्वारा निर्मित 1000 पीपीई और 1000 ट्रिपल-लेयर मास्क केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) मेट्रो रेलवे इकाई के अधिकारियों को सौंपे।
वहीं केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने COVID-19 रोगियों के प्रबंधन के लिए फ्रंटलाइन में काम करने वाले AIIMS के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए 1 लाख 3-प्लाई सर्जिकल फेस मास्क दान किया।
सीआरपीएफ के अधिकारियों ने कहा कि तीन स्तरीय मास्क को राष्ट्रीय राजधानी में सीआरपीएफ के एक केंद्र में अर्द्धसैनिक बल के परिवार कल्याण संगठन द्वारा तैयार किया गया है। देश के सबसे बड़े अर्द्धसैनिक बल ने देश भर में न केवल अपनी इकाइयों बल्कि दूसरे संगठनों में आपूर्ति के लिए मास्क बनाने वाला स्वचालित मशीन लगाया था।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सा अधीक्षक डीके शर्मा ने बल को धन्यवाद देते हुए कहा, ‘‘तीन स्तरीय सर्जिकल फेस मास्क अग्रिम मोर्चा के स्वास्थ्य कर्मियों के जीवन की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे जो कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में हमारे महत्वपूर्ण संसाधन हैं।’’
भारत में संक्रमितों की संख्या 20 हजार के करीब
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में अब तक कोरोना वायरस से 19984 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जिसमें से 640 लोगों की मौत हो गई है और 3870 लोग ठीक हो चुके हैं। एक व्यक्ति देश से बाहर चला गया है और कोरोना के 15474 एक्टिव केस मौजूद हैं।
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कोरोना वायरस संक्रमित
देशभर में सबसे ज्यादा संक्रमण महाराष्ट्र में सामने आया है और राज्य में अब तक 5218 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं, जिसमें से 251 लोगों की मौत हो गई है और 722 लोग ठीक हो चुके हैं। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मामले मुंबई और पुणे से आए हैं।
दिल्ली-गुजरात में आए 2 हजार से ज्यादा मामले
दिल्ली और गुजरात में भी कोरोना से 2 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। दिल्ली में 2156 लोग चपेट में आ चुके हैं, जिसमें से 47 लोगों की मौत हो गई है और 611 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं गुजरात में 2178 मामले सामने आए हैं, जिसमें से 90 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है और 139 लोग ठीक हुए हैं।