इस्लामाबाद: पाकिस्तान के इस्लामाबाद में तैनात शीर्ष भारतीय राजनयिक गौरव अहलूवालिया को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI)वाले परेशान कर रहे हैं। गौरव अहलूवालिया के कार का ISI वाले पीछा कर रहे हैं। इनता ही नहीं गौरव अहलूवालिया के घर के बाहर ISI ने लोगों की तैनाती की है। गौरव अहलूवालिया के घर के बाहर ISI ने कई लोगों की कार और बाइक से तैनाती की है।
बताया जा रहा है कि मामला 2 जून का है। जिस दिन गौरव अहलूवालिया को डराने की कोशिश की गई। 2 जून को जब गौरव अहलूवालिया अपने आवास से बाहर निकल रहे थे तभी वहां ISI के लोग बाइक लेकर खड़ थे और जब वह कार बैठकर जाने लगे तो उनके कार का पीछा भी किया गया।
गौरव अहलूवालिया को पहले भी किया जा चुका है परेशान
हालांकि ये ऐसा पहला मामला नहीं है कि जब गौरव अहलूवालिया को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी द्वारा परेशान किया जा रहा है। इससे पहले भी कई बार इस्लामाबाद में भारतीय राजनयिक गौरव अहलूवालिया को परेशान किए जाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इस्लामाबाद में स्थित भारतीय मिशन इसको लेकर चिंता भी जता चुका है।
भारतीय राजनयिकों को पहले भी परेशान कर चुके हैं ISI वाले
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च में भी पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग ने पाकिस्तानी एजेंसियों द्वारा अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के लगातार उत्पीड़न के विरोध में इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय को एक पत्र लिखकर विरोध जताया था।
पत्र में भारतीय उच्चायोग ने मार्च में हुए 13 ऐसे उत्पीड़न के उदाहरणों का हवाला दिया था, जिसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी द्वारा भारतीय अधिकारियों और कर्मचारियों को परेशान किया गया था। पत्र में भारतीय उच्चायोग ने इन मामलों के लिए पाकिस्तान की सरकार से जांच करने को भी कहा था और लिखा था कि पाकिस्तान की सरकार ये सुनिश्चित करें कि भारतीय अधिकारियों के साथ दोबारा ऐसा ना हो।
भारत ने हाल ही में पाकिस्तानी उच्चायोग के अफसर दो जासूसी के आरोप में पकड़ा है
हाल ही में पाकिस्तानी उच्चायोग के दो अफसरों को जासूसी के आरोप में पकड़ा गया है। भारत ने दोनों को पर्सोना-नॉन ग्रेटा घोषित किया है। मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट (MIU) को इनपुट मिले थे कि पाकिस्तान उच्चायोग में काम करने वाले आबिद और ताहिर भारतीय सेना के जवानों को निशाना बनाते थे और खुद को भारतीय बताकर पहले उनसे दोस्ती करते, और फिर उन्हें अपने झांसे में फंसाने की कोशिश करते थे। ताकि देश की खुफिया जानकारी हासिल कर सके।
आबिद हुसैन और मोहम्मद ताहिर नाम के दोनों कर्मचारियों को दिल्ली पुलिस ने उस वक्त गिरफ्तार किया जब वे रुपयों के बदले एक भारतीय नागरिक से भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों से संबंधित संवेदनशील दस्तावेज हासिल कर रहे थे।