मदर्स डे के दिन इरोम शर्मिला ने दिया जुड़वा बच्चियों को जन्म, कहा - ये मेरे लिए दोगुनी खुशी का मौका
By विनीत कुमार | Updated: May 13, 2019 09:17 IST2019-05-13T09:15:00+5:302019-05-13T09:17:17+5:30
इरोम शर्मिला ने राजनीति में जाने की बात कहते हुए अपना अनशन तोड़ा था। उन्होंने इसके बाद मणिपुर विधानसभा चुनाव में हिस्सा भी लिया लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

इरोम शर्मिला ने जुड़वा बच्चियों को दिया जन्म (फाइल फोटो)
मणिपुर की 'आयरन लेडी' के तौर पर मशहूर इरोम शर्मिला ने रविवार (12 मई) को मदर्स डे के दिन जुड़वा बच्चियों को जन्म दिया। इरोम ने बेंगलुरु के एक अस्पताल में इन बच्चियों को जन्म दिया। दोनों बच्चियों का जन्म के समय वजन 2.1 किलोग्राम था और वे पूरी तरह से ठीक हैं। इरोम शर्मिला मणिपुर में आर्म्स फोर्सेस स्पेशल पावर्स एक्ट (AFSPA) के खिलाफ 16 साल तक लगातार अनशन के लिए जानी जाती हैं।
इरोम 46 साल की हैं। उन्होंने ने अगस्त-2016 में अपनी भूख हड़ताल खत्म की थी और कोडाइकनाल चली गई थीं। इसके बाद पिछले साल वह बेंगलूरू चली गईं। इरोम और उनके ब्रिटिश पति डेशमंड कुंटिनो ने अपनी दोनों बेटियों का नाम निक्स सखी और ऑटम तारा रखा है। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार इरोम ने अस्पताल से ही फोन के जरिये बताया, 'यह नई जिंदगी है, मेरे लिए नई शुरुआत है। मैं बहुत खुश हूं। हमारी कोई पसंद नहीं थी, हम बस स्वस्थ बच्चा चाहते थे।'
इरोम ने साथ ही बताया, 'कुछ लोग मुझसे मिलने आये थे और यहा मौजूद नर्सें उनके साथ खुशी मना रही हैं। मेरी बेटियां मदर्स डे के दिन पैदा हुईं और इससे मुझे दोहरी खुशी है। मुझे लगता है कि यह खास है।'
इरोम ने बताया कि उनकी बेटी निक्स का नाम उनकी मां इरोम सखी के नाम पर रखा गया है जिनका देहांत कुछ महीनों पहले हुआ था। इरोम ने कहा, 'मैं अपने मां को बहुत मिस करती हूं। काश वह ये जान पाती। काश मैं उन्हें फोन कर इस बारे में बता पाती।' इरोम ने बताया कि उनके पति ने निक्स नाम के बारे सोचा। वहीं, दूसरी बेटी का नाम एक बौद्ध देवी के नाम पर रखा गया, जो बुद्ध की महिला अवतार के तौर पर देखी जाती हैं।
बता दें कि 2016 में इरोम शर्मिला ने राजनीति में जाने की बात कहते हुए अपना अनशन तोड़ा था। उन्होंने इसके बाद मणिपुर विधानसभा चुनाव में हिस्सा भी लिया लेकिन उन्हें तौबल से मुख्यमंत्री इबोबी सिंह के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। इरोम को केवल 90 वोट मिले। इसके बाद इरोम ने कहा कि उन्हें अपने लोगों से निराशा हाथ लगी है जिनके लिए वे 16 साल तक लड़ती रहीं।