बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के लिए एक राहत भरी खबर है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आईआरसीटीसी घोटाले से जुड़े मामले में उनकी जमानत मंजूर कर ली है। उनके साथ पत्नी राबड़ी देवी, पुत्र तेजस्वी यादव और अन्य की जमानत भी 1 लाख रुपये के मुचलके पर मंजूर कर ली गई है। मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी को की जाएगी। जमानत के बाद भी लालू प्रसाद यादव जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे, क्योंकि चारा घोटाले के कई मामलों में सजा पाने के बाद वह जेल में हैं।
विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर आरोपियों को यह जमानत दी। अदालत ने 19 जनवरी को इन तीनों को मिली अंतरिम जमानत की अवधि को बढ़ा दिया था जो आज समाप्त हो रही थी। यह मामला आईआरसीटीसी के दो होटलों का संचालन अनुबंध एक निजी कंपनी को देने में हुई कथित अनियमितताओं से जुड़ा हुआ है।
चारे घोटाले में मुख्य सचिव को राहत
बिहार के पूर्व मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह को शुक्रवार को झारखंड उच्च न्यायालय से उस वक्त बड़ी राहत मिली जब न्यायालय ने चारा घोटाले के एक मामले में उन्हें आरोपी बनाए जाने के सीबीआई अदालत के आदेश को निरस्त कर दिया और कहा कि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता।
सीबीआई अदालत ने मामले में लालू समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में आदेश पारित करते समय अंजनी को भी इस मामले में आरोपी बनाने का आदेश दिया था और इस सिलसिले में उन्हें समन जारी किया था।