चाबहार-जेहेदान रेल परियोजना के लंबित मुद्दों के लिये ईरान द्वारा नियुक्ति का इंतजार: विदेश मंत्रालय

By भाषा | Published: July 17, 2020 01:33 AM2020-07-17T01:33:16+5:302020-07-17T01:33:16+5:30

फरजाद-बी गैस क्षेत्र पर वार्ता को लेकर कुछ खबरों के बारे में श्रीवास्तव ने कहा कि बाद का द्विपक्षीय सहयोग हालांकि ईरानी पक्ष में नीतिगत बदलाव के कारण प्रभावित हुआ। 

Iran awaits appointment for pending issues of Chabahar-Jehedan rail project: Foreign Ministry | चाबहार-जेहेदान रेल परियोजना के लंबित मुद्दों के लिये ईरान द्वारा नियुक्ति का इंतजार: विदेश मंत्रालय

श्रीवास्तव ने बताया कि इसके बाद से परियोजना के जरूरी आयामों को लेकर विस्तृत चर्चा हुई ।

Highlightsभारत ने चाबहार जेहेदान रेल परियोजना को लेकर मीडिया रिपोर्टो को अटकल करार दिया साल 2003 से बहुप्रतीक्षित परियोजना को साल 2016 में प्रधनमंत्री की ईरान यात्रा के दौरान परिचालित किया गया ।

नयी दिल्ली: भारत ने बृहस्पतिवार को चाबहार जेहेदान रेल परियोजना को लेकर मीडिया रिपोर्टो को अटकल करार दिया और कहा कि ईरानी पक्ष को इस उद्यम से जुड़े तकनीकी और वित्तीय मुद्दों के लिये अधिकृत इकाई को नामित करना था और इसकी अभी भी प्रतीक्षा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि 2016 के बाद से प्रतिबंधों के कारण उत्पन्न कठिन परिस्थितियों के बावजूद चाबहार बंदरगाह परियोजना में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है ।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब मीडिया रिपोर्टो में दावा किया गया है कि भारत को ईरान में चाबहार जेहेदान रेलवे परियोजना से अलग कर दिया गया है । उन्होंने कहा कि हमने चाबहार बंदरगाह और चाबहार जेहेदान रेलवे परियोजना को लेकर कुछ अटकलों पर आधारित रिपोर्ट देखी है। उन्होंने कहा, ‘‘ बंदरगाह के संबंध में आप सभी को पता होगा कि साल 2003 से बहुप्रतीक्षित परियोजना को साल 2016 में प्रधनमंत्री की ईरान यात्रा के दौरान परिचालित किया गया ।

इसके बाद से प्रतिबंधों के उत्पन्न कठिन परिस्थितियों के बावजूद चाबहार बंदरगाह परियोजना में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है । ’’ श्रीवास्तव ने कहा कि साल 2018 के बाद से एक भारतीय कंपनी बंदरगाह को परिचालित कर रही है और इसके ट्रैफिक में सतत वृद्धि दर्ज की गई है । उन्होंने कहा कि दिसंबर 2018 के बाद से 82 पोतों का परिचालन हुआ जिसमें से पिछले 12 महीने में 52 पोत की आवाजाही शामिल हैं । बंदरगाह ने 12 लाख टन माल और 8200 कंटेनर को परिचालित किया ।

प्रवक्ता ने कहा कि चाबहार बंदरगाह का उपयोग अफगानिस्तान और मध्य एशिया के लिये बढ़ाने के वास्ते सक्रिय कदम उठाये जा रहे हैं । श्रीवास्तव ने कहा कि जहां तक रेलवे लाइन का संबंध है, आईआरसीओएन को भारत सरकार की ओर से व्यवहार्यता मूल्यांकन के नियुक्त किया गया था । यह रेल मंत्रालय के तहत ईरानी कंपनी सीडीटीआईसी के साथ काम कर रही थी । उन्होंने बताया कि आईआरसीओएन ने स्थल की जांच का काम और व्यवहार्यता रिपोर्ट की समीक्षा पूरी कर ली है।

श्रीवास्तव ने बताया कि इसके बाद से परियोजना के जरूरी आयामों को लेकर विस्तृत चर्चा हुई । इसमें वित्तीय चुनौतियों को भी ध्यान में रखना शामिल है जिसका ईरान सामना कर रहा है। दिसंबर 2019 में 19वीं भारत ईरान संयुक्त आयोग की तेहरान में बैठम में विस्तृत समीक्षा की गई ।

उन्होंने कहा, ‘‘ ईरानी पक्ष को इस उद्यम से जुड़े तकनीकी और वित्तीय मुद्दों को अंतिम रूप देने के लिये अधिकृत इकाई को नामित करना था और इसकी अभी भी प्रतीक्षा है। ’’ फरजाद-बी गैस क्षेत्र पर वार्ता को लेकर कुछ खबरों के बारे में श्रीवास्तव ने कहा कि बाद का द्विपक्षीय सहयोग हालांकि ईरानी पक्ष में नीतिगत बदलाव के कारण प्रभावित हुआ। 

Web Title: Iran awaits appointment for pending issues of Chabahar-Jehedan rail project: Foreign Ministry

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