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बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी का केपी ओली को जवाब- हनुमान जी को गुस्सा आ गया तो नेपाल नहीं बचेगा

By विनीत कुमार | Updated: July 15, 2020 10:24 IST

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली की ओर से असली अयोध्या नेपाल में होने की बात कहने पर सभी उनकी आलोचना कर रहे हैं। नेपाल में भी पीएम ओली घिर गए हैं। इन सबके बीच इकबार अंसारी ने भी केपी ओली पर निशाना साधा है।

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ठळक मुद्देइकबाल अंसारी ने नेपाल के पीएम कोपी ओली की आलोचना की, अयोध्या को नेपाल में बताने पर सुनाई खरी-खोटीइकबाल अंसारी ने कहा- अयोध्या का महत्व पूरी दुनिया को पता है, केपी ओली अगर अयोध्या आते तो उन्हें इसका अहसास होता

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की ओर से अयोध्या को लेकर दिए गये बयान पर इकबाल अंसारी का जवाब आया है। बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा है कि केपी ओली को अयोध्या का महत्व नहीं मालूम है, जिसका सम्मान पूरी दुनिया करती है। साथ ही इकबाल अंसारी ने कहा कि अगर हनुमान जी को गुस्सा आ गया तो नेपाल तबाह हो जाएगा।

अंसारी ने कहा, 'नेपाल के पीएम को धर्म का कोई ज्ञान नहीं है। शायद वह अयोध्या आए भी नही, इसलिए ऐसी बात कर रहे हैं। उन्हें मालूम होना चाहिए अयोध्या प्राचीन समय से सभी धर्म और सम्प्रदायों के लिए पवित्र नगरी रही है।'

इकबाल अंसारी ने साथ ही कहा, 'अयोध्‍या धर्म की नगरी है। सभी धर्मों के देवता यहां विराजमान हैं। पांच किलोमीटर के दायरे में मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा सभी मौजूद हैं। अयोध्‍या राम जी की नगरी है जहां हनुमान जी भी विराजमान हैं।'

गौरतलब है कि केपी शर्मा ओली ने एक नया विवाद खड़ा करते हुए सोमवार को दावा किया कि वास्तविक अयोध्या नेपाल में है, भारत में नहीं। उन्होंने कहा कि भगवान राम का जन्म दक्षिणी नेपाल के थोरी में हुआ था। काठमांडू में पीएम आवास में नेपाली कवि भानुभक्त की जयंती के अवसर पर ओली ने कहा था कि नेपाल 'सांस्कृतिक अतिक्रमण का शिकार हुआ है और इसके इतिहास से छेड़छाड़ की गई है।' 

हालांकि विवाद बढ़ने के बाद नेपाल सरकार ने मंगलवार को प्रधानमंत्री के बयान के बचाव में सफाई पेश की और कहा कि प्रधानमंत्री ओली के बयान 'किसी भी राजनीतिक विषय से जुड़े नहीं थे' और उनका इरादा किसी भी तरह से किसी की भावनाओं को 'आहत' करने का नहीं था। 

बता दें कि ओली के बयान की नेपाल में भी आलोचना हो रही है। नेपाल के विभिन्न राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं ने ओली की इस टिप्पणी की कड़ी निन्दा की और इसे ‘निरर्थक तथा अनुचित’ करार दिया। उन्होंने ओली से अपना विवादित बयान वापस लेने की मांग की। 

टॅग्स :नेपालअयोध्याबाबरी मस्जिद विवाद
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