आईपीएस वाई पूरन कुमार आत्महत्याः ‘वसीयत’ और ‘आखिरी नोट’ मिला, कई अधिकारी कर रहे थे टॉचर, मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार अब असहनीय, पढ़िए मार्मिक पत्र

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 9, 2025 20:06 IST2025-10-09T20:05:16+5:302025-10-09T20:06:05+5:30

IPS Y Puran Kumar commits suicide: नोट छोड़ा है जिसमें ‘‘वरिष्ठ अधिकारियों’’ के नाम हैं और पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने जो ‘‘मानसिक उत्पीड़न’’ और अपमान झेला था, उसका विवरण दिया गया है।

IPS Y Puran Kumar commits suicide wasiyat 'Last Note' found officers torturing mental harassment, public humiliation atrocities unbearable read | आईपीएस वाई पूरन कुमार आत्महत्याः ‘वसीयत’ और ‘आखिरी नोट’ मिला, कई अधिकारी कर रहे थे टॉचर, मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार अब असहनीय, पढ़िए मार्मिक पत्र

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Highlightsअधिकारों, वरिष्ठता और अन्य मुद्दों से संबंधित मामलों में अपने हस्तक्षेप के लिए जाने जाते थे।रोहतक के सुनारिया में पुलिस प्रशिक्षण केंद्र (पीटीसी) के महानिरीक्षक के रूप में तैनात किया गया था।जापान से चंडीगढ़ लौटीं। वह जापान गए हरियाणा सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थीं।

चंडीगढ़ः हरियाणा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की संदिग्ध आत्महत्या के मामले में रहस्य और गहराता दिख रहा है। अधिकारी ने एक नोट छोड़ा है, जिसमें उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के नाम लिए हैं और अपनी नौकरशाह पत्नी से राज्य पुलिस प्रमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने कराने को कहा है। सूत्रों के अनुसार, आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने कथित तौर पर चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मार ली थी। उन्होंने एक नोट छोड़ा है जिसमें ‘‘वरिष्ठ अधिकारियों’’ के नाम हैं और पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने जो ‘‘मानसिक उत्पीड़न’’ और अपमान झेला था, उसका विवरण दिया गया है।

वाई. पूरन कुमार 2001 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी थे और वह मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास में मृत पाए गए थे। सेक्टर 11 स्थित उनके आवास के भूतल के एक कमरे में उनका शव मिला। उनके शरीर पर गोली लगने के निशान थे। पूरन कुमार (52) अधिकारियों के अधिकारों, वरिष्ठता और अन्य मुद्दों से संबंधित मामलों में अपने हस्तक्षेप के लिए जाने जाते थे।

उन्हें हाल में रोहतक के सुनारिया में पुलिस प्रशिक्षण केंद्र (पीटीसी) के महानिरीक्षक के रूप में तैनात किया गया था। घटना के बाद वाई. पूरन कुमार की आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी पत्नी अमनीत पी. ​​कुमार जापान से चंडीगढ़ लौटीं। वह जापान गए हरियाणा सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थीं।

पूरन कुमार की पत्नी ने बुधवार को पुलिस में दर्ज शिकायत में दावा किया कि उनके पति की मौत उच्च पदस्थ अधिकारियों के ‘‘सुनियोजित उत्पीड़न’’ का परिणाम है। उन्होंने हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर और एक अन्य वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया। दोनों अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिशों के बावजूद फोन पर संपर्क नहीं हो सका।

सूत्रों के अनुसार, बुधवार को अमनीत कुमार ने न्याय मिलने तक अपने पति के शव का पोस्टमार्टम कराने की अनुमति देने से कथित तौर पर इनकार कर दिया। पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में अमनीत कुमार ने कहा कि उनके पति एक बेदाग छवि वाले, ईमानदार और असाधारण सार्वजनिक भावना वाले अधिकारी थे। पूरन कुमार अनुसूचित जाति समुदाय से थे।

चंडीगढ़ पुलिस ने मंगलवार को बताया कि केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) की एक टीम ने भौतिक और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त कर लिए हैं, जिनमें वह हथियार भी शामिल है जिसका इस्तेमाल पूरन कुमार ने कथित तौर पर खुद को गोली मारने के लिए किया था। सूत्रों ने बताया कि कुमार ने आठ पन्नों का टाइप किया हुआ और हस्ताक्षरित ‘‘अंतिम नोट’’ छोड़ा है,

जिसका शीर्षक उन्होंने ‘‘हरियाणा के संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अगस्त 2020 से जाति आधारित लगातार घोर भेदभाव, निशाना बनाकर किया गया मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार, जो अब असहनीय है’’ दिया है। सूत्रों ने बताया कि नोट में जाति आधारित भेदभाव, सार्वजनिक अपमान, अधिकारी को निशाना बनाकर मानसिक उत्पीड़न और अत्याचार का आरोप लगाया गया है।

नोट में उन्होंने कथित तौर पर उनके खिलाफ दुर्भावनापूर्ण तरीके से अज्ञात और छद्म शिकायतें दर्ज कराए जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ अधिकारियों ने इस तरह की शिकायतों के आधार पर उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित और शर्मिंदा किया तथा उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया।

सूत्रों के अनुसार, कुमार ने नोट में कुछ अधिकारियों के नाम लेते हुए आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने आधिकारिक पदों और अधिकारों का खुलेआम दुरुपयोग किया जिसके चलते वह आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हुए। सूत्रों ने बताया कि नोट में दावा किया गया है कि उन्होंने अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें की थीं, लेकिन उनकी जांच तक नहीं की गई।

इस बीच अमनीत कुमार की शिकायत में लिखा है, ‘‘यह कोई साधारण आत्महत्या का मामला नहीं है, बल्कि यह साफ तौर पर मेरे पति के खिलाफ ताकतवर और उच्च पदस्थ अधिकारियों द्वारा व्यवस्थित उत्पीड़न का परिणाम है। मेरे पति जो अनुसूचित जाति समुदाय से आते हैं, को इन अधिकारियों ने अपने पद का इस्तेमाल करके उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और आखिरकार उन्हें इस हद तक मजबूर कर दिया कि उनके पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी मौत ताकतवर लोगों की वजह से हुई और इससे उनका परिवार टूट गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे बच्चों को जवाब मिलना चाहिए। मेरे पति की दशकों की सार्वजनिक सेवा सम्मान की हकदार है, खामोशी की नहीं।’’ पूरन कुमार के ‘आखिरी नोट’ में एक ऐसे मामले का जिक्र किया गया है जहां एक नौकरशाह (अब सेवानिवृत्त) ने समय पर उनकी अर्जित छुट्टी स्वीकृत नहीं की, जिसके कारण वह अपने पिता की मृत्यु से पहले उनसे मिलने नहीं जा सके।

सूत्रों के अनुसार, कुमार ने नोट में कहा है कि उन्होंने कई अधिकारियों के समक्ष ये मुद्दे उठाए, ‘‘जो रिकॉर्ड में दर्ज हैं।’’ नोट में आरोप लगाया गया है कि कुछ अधिकारियों ने ‘‘सार्वजनिक रूप से भेदभाव, जाति-आधारित मानसिक उत्पीड़न और सार्वजनिक अपमान’’ करके उन्हें परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

सूत्रों के अनुसार, नोट में लिखा है, ‘‘... मैंने इस पर गंभीरता से सोचा और मुझे यकीन हो गया कि मैं इस लगातार और सुनियोजित साजिश को बर्दाश्त नहीं कर सकता... मैं जाति-आधारित भेदभाव, सार्वजनिक अपमान, निशाना बनाकर मानसिक उत्पीड़न और अत्याचारों को और नहीं झेल सकता, इसलिए यह सब खत्म करने का अंतिम निर्णय ले रहा हूं।’’

कुमार का आरोप है कि जब उन्होंने एक साथी अधिकारी के खिलाफ शिकायत की तो कोई कार्रवाई नहीं की गई, ‘‘जो स्पष्ट रूप से उनके साथ पक्षपातपूर्ण व्यवहार का प्रमाण है।’’ उनका आरोप है कि राज्य के एक शीर्ष आईपीएस अधिकारी ने 31 मार्च, 2024 को समाप्त होने वाली अवधि के लिए उनकी वार्षिक कार्य-निष्पादन मूल्यांकन रिपोर्ट में कुछ टिप्पणियां कीं, जो ‘‘तथ्यात्मक रूप से गलत, पूरी तरह से काल्पनिक, बेबुनियाद, उनके व्यक्तिगत पूर्वाग्रह से ग्रस्त और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन’’ थीं।

सूत्रों के अनुसार, कुमार ने कहा कि उन्होंने एक वरिष्ठ नौकरशाह से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया, लेकिन सब व्यर्थ रहा। नोट में उल्लेख किया गया है कि पंचकूला में कुमार को आधिकारिक आवास आवंटित करते समय उन पर अतिरिक्त नियम लागू किए गए जबकि एक अन्य घटना में नवंबर 2023 में उनका आधिकारिक वाहन वापस ले लिया गया।

अंबाला से कांग्रेस सांसद वरुण चौधरी ने अधिकारी की आत्महत्या को ‘‘बेहद दुखद और चौंकाने वाला’’ बताया और घटना की निष्पक्ष एवं पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने के लिए न्यायिक जांच की मांग की। चंडीगढ़ पुलिस ने बुधवार को एक बयान में कहा कि उन्होंने कथित आत्महत्या के संबंध में ‘‘सीसीटीवी कैमरे की कुछ फुटेज’’ की जांच की है।

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