IPS ऑफिसर को जबरन कराया गया रिटायर, नीतीश सरकार ने दी ईमानदारी की सजा?
By एस पी सिन्हा | Updated: August 14, 2018 16:06 IST2018-08-14T16:06:04+5:302018-08-14T16:06:04+5:30
1994 बैच के आईपीएस अधिकारी दास फिलहाल एसपी सह सहायक नागरिक सुरक्षा आयुक्त थे। हाल के दिनों में दास पहले अधिकारी हैं जिन्हें समय पूर्व तीन महीने का वेतन देकर सेवानिवृत्ति दी गई है।

IPS ऑफिसर को जबरन कराया गया रिटायर, नीतीश सरकार ने दी ईमानदारी की सजा?
पटना, 14 अगस्तः बिहार के इतिहास में पहली बार किसी आईपीएस अधिकारी को जबरन रिटायर कराए जाने का मामला सामने आया है। इसी कड़ी में कैडर के आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास को जबरन सेवानिवृत्ति दे दी गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय की सहमति मिलने के बाद राज्य सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
1994 बैच के आईपीएस अधिकारी दास फिलहाल एसपी सह सहायक नागरिक सुरक्षा आयुक्त थे। हाल के दिनों में दास पहले अधिकारी हैं जिन्हें समय पूर्व तीन महीने का वेतन देकर सेवानिवृत्ति दी गई है। हालांकि दास का कहना हैं कि इस फैसले के खिलाफ वो कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
दास का कहना हैं कि पूरी प्रक्रिया में उनसे एक बार भी पूछताछ नहीं की गई और सब कुछ गुपचुप तरीके से किया गया। यहां बता दें कि अपने सेवा काल में दास अपनी टिप्पणी और फाइल पर आदेशों के कारण हमेशा विवादों में रहे। कुछ वर्ष पूर्व उन्होंने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ फाइल पर टिप्पणी की थी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में अधिकांश समय वो निलंबित रहे हैं। बाद में कोर्ट के आदेश से उनके निलंबन और प्रोन्नति के मामले का निबटारा हुआ है। कुल मिलाकर अमिताभ कुमार दास की छवि एक ईमानदार है, लेकिन विवादों में रहने वाले अधिकारी के रूप में रही है। सरकार उन्हें पचा नहीं पाई और उन्हें अपनी ईमानदारी की सजा जबरन सेवानिवृत्ति से मिली है।