INX Media Scam: चिदंबरम पर ED का आरोप-विदेशों में 17 बैंक खाते और 11 अचल संपत्तियां
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 26, 2019 10:10 IST2019-08-26T10:10:19+5:302019-08-26T10:10:19+5:30
ईडी के वकील तुषार मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ता (चिदंबरम) और उनकी पार्टी के सहयोगियों ने काफी ‘‘शोरगुल’’ किया और ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’’ का आरोप लगाया लेकिन ‘‘मैं पूरी जिम्मेदारी से कह रहा हूं कि धन शोधन का यह मामला बहुत बड़े पैमाने का है।’’

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम फिलहाल सीबीआई के हिरासत में हैं।
सुप्रीम कोर्ट आईएनएक्स मीडिया धनशोधन एवं भ्रष्टाचार मामलों में अग्रिम जमानत देने से इंकार करने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदम्बरम की अर्जियों पर सुनवाई करेगा।
शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज किये गये धनशोधन मामले में चिदम्बरम को सोमवार तक के लिए गिरफ्तारी से छूट प्रदान की थी। शीर्ष अदालत ने चिदम्बरम की अर्जी पर ईडी से जवाब भी मांगा था और निर्देश दिया था कि सभी तीन मामलों को सोमवार को उसके सामने सूचीबद्ध किया जाए।
पिछली सुनवाई में ईडी ने यह भी आरोप लगाया कि जांच में उसने पाया कि चिदंबरम के पास 11 ‘‘अचल संपत्तियां’’ और विदेशों में 17 बैंक खाते थे इसलिए इस मामले में बड़ी साजिश का खुलासा करने के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ की जरूरत है।
ईडी की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दावा किया कि जांच के दौरान ‘‘सबसे हैरान करने वाली बात’’ पता चली कि जिन लोगों के नाम पर फर्जी कंपनियां बनाई गई उन्होंने चिदंबरम की पोती के नाम पर एक वसीयत बनाई थी।
चिदंबरम के वकीलों ने ईडी की दलीलों का विरोध करते हुए न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ से कहा कि उन्होंने जांच के दौरान एजेंसी के साथ सहयोग किया और उनसे हिरासत में पूछताछ की कोई जरूरत नहीं है।
इस बीच, सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने पांच देशों को ‘लेटर रोगेटरी’ (एलआर) यानी न्यायिक अनुरोध पत्र भेजकर आईएनएक्स मीडिया मामले में भुगतान के लेन-देन की विस्तृत जानकारी मांगी है।
उन्होंने बताया कि इन न्यायिक अनुरोध पत्रों के जरिये विदेशों से सूचना मांगी जाती है। ये पत्र ब्रिटेन, मॉरीशस, स्विट्जरलैंड, बरमूडा और सिंगापुर को भेजे गये है। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई विदेशों में कई कंपनियों के भुगतान के लेन-देन की जांच कर रही है।
ईडी ने लगाए चिदंबरम पर ये आरोप
ईडी ने कोर्ट में कहा, चिदंबरम ने देश के बाहर 11 संपत्तियां, न केवल भारत में बल्कि विदेश में 17 बैंक खाते बनाए और मुखौटा कंपनियों की आड़ में रुपयों का लेनदेन किया।
ईडी के वकील तुषार मेहता ने कहा कि सच सामने लाने के लिए चिदंबरम से हिरासत में पूछताछ करने की जरूरत है।
उन्होंने दावा किया कि केंद्रीय वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने इंद्राणी और पीटर मुखर्जी से ‘‘अपने बेटे का ध्यान रखने’’ के लिए कहा जब आईएनएक्स मीडिया के लिए एफआईपीबी की मंजूरी के संबंध में वे 2007 में उनसे मिले थे।
मेहता ने कहा कि उन्हें अभी तक मिले सबूतों के साथ चिदंबरम से पूछताछ करने की जरूरत है। इन सबूतों में कुछ ई-मेल और धनराशि का लेनदेन भी शामिल है।
मुखौटा कंपनियां बनाने वाले कई लोगों ने चिदंबरम की पोती के नाम पर एक वसीयत बनाई थी। मेहता ने कहा कि चिदंबरम ने अपने जवाबों में टालमटोल की और कुछ भी बताने से इनकार कर दिया तथा जांच में सहयोग नहीं किया।