आईएनएक्स मीडियाः लगभग 27 घंटे बाद कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे पी चिदंबरम, ईडी ने पूर्व वित्त मंत्री के खिलाफ जांच का दायरा बढ़ा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 21, 2019 08:16 PM2019-08-21T20:16:17+5:302019-08-21T20:16:17+5:30

मोदी सरकार ने मुझे फंसाया है। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले 27 घंटे से देश में भ्रम फैलाया जा रहा है। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के साथ कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी थे। प्रमुख नाम हैं वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और सलमान खुर्शीद प्रेस कांफ्रेंस में थे। 

INX Media: P Chidambaram arrives at Congress headquarters, ED widens probe against former finance minister | आईएनएक्स मीडियाः लगभग 27 घंटे बाद कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे पी चिदंबरम, ईडी ने पूर्व वित्त मंत्री के खिलाफ जांच का दायरा बढ़ा

कारोबारी सौदों में कथित अवैध ‘‘एफआईपीबी’’ मंजूरी देने में उनकी संदिग्ध भूमिका थी।

Highlightsचिदंबरम ने कहा कि इस मामले में उनके और परिवार के खिलाफ कोई चार्जशीट नहीं है।चिदंबरम ने कहा कि अगर उन्हें जिंदगी और आजादी के बीच में चुनने कहा जाए तो वे आजादी चुनेंगे।

आखिरकार लगभग 27 घंटे के बाद पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम कांग्रेस मुख्यालय पहुंच कर प्रेस कांफ्रेंस की। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि मुझे और मेरे सांसद बेटे कार्ति चिदंबरम को फंसाया गया है।चिदंबरम ने कहा कि मेरे ऊपर कोई आरोप नहीं है।

मोदी सरकार ने मुझे फंसाया है। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले 27 घंटे से देश में भ्रम फैलाया जा रहा है। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के साथ कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी थे। प्रमुख नाम हैं वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और सलमान खुर्शीद प्रेस कांफ्रेंस में थे। 

चिदंबरम ने कहा कि इस मामले में उनके और परिवार के खिलाफ कोई चार्जशीट नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की बुनियाद आजादी है, चिदंबरम ने कहा कि अगर उन्हें जिंदगी और आजादी के बीच में चुनने कहा जाए तो वे आजादी चुनेंगे।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के खिलाफ धन शोधन मामले की जांच का दायरा बढ़ा दिया है। जांच एजेंसी को संदेह है कि आईएनएक्स मीडिया एवं एयरसेल-मैक्सिस के अलावा कम से कम चार और कारोबारी सौदों में कथित अवैध ‘‘एफआईपीबी’’ मंजूरी देने में उनकी संदिग्ध भूमिका थी।

साथ ही, कई मुखौटा कंपनियों (शेल कंपनियों) के मार्फत करोड़ों रुपये की रिश्वत ली थी। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। ईडी को कुछ ऐसे भी सबूत मिले हैं, जिनके मुताबिक अवैध ‘‘विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड’’ (एफआईपीबी) एवं ‘‘प्रत्यक्ष विदेशी निवेश’’ (एफडीआई) मंजूरी प्रदान करने के एवज में चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम द्वारा कथित तौर पर रिश्वत लेने के बाद एक शेल कंपनी में गैरकानूनी ढंग से 300 करोड़ रुपये से अधिक राशि कथित तौर पर डाली गई थी।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत काम करने वाले ‘‘एफआईपीबी’’ को 2017 में रद्द कर दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि ईडी ने अदालत से अनुरोध किया है कि पिता-पुत्र से हिरासत में पूछताछ करने की इजाजत दी जाए। इसके लिए इन पेचीदे लेन-देन और रिश्वत का हवाला दिया गया, जिनके सीमा पार (अन्य देशों में) भी निहितार्थ हैं। उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी अवैध एफआईपीबी मंजूरी के कम से कम चार मामलों में पूर्व वित्त मंत्री की भूमिका की छानबीन कर रही है।

ये मामले डियाजियो स्कॉटलैंड लिमिटेड, कटारा होल्डिंग्स, एस्सार स्टील लिमिटेड और एलफोर्ज लिमिडेट से संबद्ध हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दो अन्य सौदों--एयरसेल-मैक्सिस और आईएनएक्स मीडिया-- में कथित तौर पर अवैध तरीके से एफआईपीबी मंजूरी देने को लेकर धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एजेंसी की जांच के दायरे में पहले से हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया धन शोधन (मनी लाउंड्रिंग) और भ्रष्टाचार मामले में चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका मंगलवार को खारिज कर दी।

सीबीआई के अलावा ईडी आईएनएक्स मीडिया सौदा मामले में चिदंबरम से पूछताछ की अदालत से इजाजत मांग रही है। इस सिलसिले में उसने 2017 में धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज किया था। सूत्रों ने बताया कि ईडी ने पाया है कि चिदंबरम और कार्ति भारत और विदेश में खड़ी की गई मुखौटा कंपनियों के लाभार्थी मालिक हैं।

ईडी ने पाया है कि फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल चिदंबरम के केंद्रीय वित्त मंत्री रहने के दौरान उनके द्वारा दी गई अवैध एफआईपीबी मंजूरियों से रिश्वत लेने में किया गया। यह कार्य कार्ति और इस तरह की एक कंपनी की मिलभगत से किया जाता था।

इसके जरिये 300 करोड़ से अधिक की रकम हासिल की गई। एजेंसी की जांच में पाया गया है कि पिता-पुत्र द्वारा ली गई रिश्वत की राशि का इस्तेमाल उनके व्यक्तिगत खर्चों में, विदेशों में दो दर्जन से अधिक खाते खोलने एवं उनमें पैसे जमा करने तथा मलेशिया, ब्रिटेन, स्पेन सहित अन्य देशों में अचल संपत्ति खरीदने में किया गया । यह पता चला है कि कार्ति से जुड़ी एक मुखौटा कंपनी को एक ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड (बीवीआई) स्थित कंपनी से भारी रकम भुगतान हुआ।

इस बीवीआई का जिक्र पनामा पेपर में भी हुआ था। सूत्रों ने बताया कि ईडी के पास उपलब्ध सबूतों से यह जाहिर होता है कि एक बड़ी मुखौटा कंपनी के शेयरधारकों और निदेशकों ने कंपनी की समूची शेयरहोल्डिंग चिदंबरम की पोती एवं कार्ति की बेटी को हस्तांतरित करने का एक वसीयत भी तैयार कराया था। ईडी ने आईएनएक्स मीडिया मामले में पिछले साल कार्ति की भारत, ब्रिटेन और स्पेन में 54 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी। 

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