INX Media Case: पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की मुश्किलें बढ़ी, ईडी ने बढ़ाया जांच का दायरा
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: August 22, 2019 07:45 AM2019-08-22T07:45:15+5:302019-08-22T07:45:15+5:30
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया से संबंधित मामले में एक नाटकीय घटनाक्रम के बाद बुधवार (21 अगस्त) की देर रात को गिरफ्तार किया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के खिलाफ धन शोधन मामले की जांच का दायरा बढ़ा दिया है. जांच एजेंसी को संदेह है कि आईएनएक्स मीडिया एवं एयरसेल-मैक्सिस के अलावा कम से कम चार और कारोबारी सौदों में कथित अवैध 'एफआईपीबी' मंजूरी देने में उनकी संदिग्ध भूमिका थी. साथ ही, कई मुखौटा कंपनियों (शेल कंपनियों) के मार्फत करोड़ों रुपए की रिश्वत ली थी. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी.
ईडी को कुछ ऐसे भी सबूत मिले हैं, जिनके मुताबिक अवैध विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (एफआईपीबी) एवं प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मंजूरी प्रदान करने के एवज में चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम द्वारा रिश्वत लेने के बाद एक शेल कंपनी में गैरकानूनी ढंग से 300 करोड़ रुपए से अधिक राशि डाली गई थी.
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत काम करने वाले 'एफआईपीबी' को 2017 में रद्द कर दिया गया है. ईडी ने अदालत से अनुरोध किया है कि पिता-पुत्र से हिरासत में पूछताछ करने की इजाजत दी जाए. इसके लिए इन पेंचीदे लेन-देन और रिश्वत का हवाला दिया गया, जिनके सीमा पार (अन्य देशों में) भी निहितार्थ हैं.
उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी अवैध एफआईपीबी मंजूरी के कम से कम चार मामलों में पूर्व वित्त मंत्री की भूमिका की छानबीन कर रही है. ये मामले डियाजियो स्कॉटलैंड लिमिटेड, कटारा होल्िंडग्स, एस्सार स्टील लिमिटेड और एलफोर्ज लिमिडेट से संबद्ध हैं. यूं ठिकाने लगती थी रिश्वत की रकम ईडी ने पाया है कि चिदंबरम और कार्ति भारत और विदेश में खड़ी की गई मुखौटा कंपनियों के लाभार्थी मालिक हैं.
फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल चिदंबरम के केंद्रीय वित्त मंत्री रहने के दौरान उनके द्वारा दी गई अवैध एफआईपीबी मंजूरियों से रिश्वत लेने में किया गया. यह कार्य कार्ति और इस तरह की एक कंपनी की मिलभगत से किया जाता था. इसके जरिये 300 करोड़ से अधिक की रकम हासिल की गई. एजेंसी की जांच में पाया गया है कि पिता-पुत्र द्वारा ली गई रिश्वत की राशि का इस्तेमाल उनके व्यक्तिगत खर्चों में, विदेशों में दो दर्जन से अधिक खाते खोलने एवं उनमें पैसे जमा करने तथा मलेशिया, ब्रिटेन, स्पेन सहित अन्य देशों में अचल संपत्ति खरीदने में किया गया.
ब्रिटिश कंपनी को भारी भुगतान यह पता चला है कि कार्ति से जुड़ी एक मुखौटा कंपनी को एक ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड (बीवीआई) स्थित कंपनी से भारी रकम भुगतान हुआ. इस बीवीआई का जिक्र पनामा पेपर में भी हुआ था. ईडी के पास उपलब्ध सबूतों से यह जाहिर होता है कि एक बड़ी मुखौटा कंपनी के शेयरधारकों और निदेशकों ने कंपनी की समूची शेयरहोल्िंडग चिदंबरम की पोती एवं कार्ति की बेटी को हस्तांतरित करने का एक वसीयत भी तैयार कराया था. ईडी ने आईएनएक्स मीडिया मामले में पिछले वर्ष कार्ति की भारत, ब्रिटेन और स्पेन में 54 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की थी.