INX मीडिया मामला: पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर कल सुनवाई जारी रखेगा दिल्ली हाईकोर्ट
By स्वाति सिंह | Updated: September 23, 2019 17:29 IST2019-09-23T17:29:22+5:302019-09-23T17:29:22+5:30
आईएनएक्स मीडिया समूह को 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी निधि की प्राप्ति के लिए एफआईपीबी (विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड) की मंजूरी में कथित अनियमितताओं को लेकर सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी। 2007 में उस वक्त चिदंबरम वित्तमंत्री थे। बाद में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2017 में इस संबंध में धनशोधन का एक मामला दर्ज किया।

सीबीआई ने चिदंबरम की जमानत अर्जी पर अपने लिखित जवाब में कहा था कि पूर्व वित्तमंत्री द्वारा किये गए अपराध की गंभीरता को देखते हुए वह किसी राहत के हकदार नहीं हैं
आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई कल (24 सितंबर) को जारी रहेगी। सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान चिदंबरम ने वित्तमंत्री के पद का इस्तेमाल निजी लाभ के लिए किए जाने के आरोप से इनकार किया। उन्होंने चिदंबरम ने अपनी जमानत याचिका पर केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के जवाब का प्रत्युत्तर देते हुए कहा कि उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस पहले से ही जारी है और यह आरोप लगाना ठीक नहीं है कि उनके भागने की आशंका है और वह कानून की प्रक्रिया से बचने की कोशिश कर सकते हैं।
पूर्व वित्तमंत्री ने वर्तमान मामले में जनता के भरोसे को स्पष्ट रूप से तोड़ने के सीबीआई के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि आईएनएक्स मीडिया में जो 305 करोड़ रुपये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तौर पर आये वह मंजूर 46.216 प्रतिशत की सीमा में ही था।
Delhi High Court will continue to hear the arguments tomorrow in P Chidambaram's regular bail hearing in CBI case of the INX media matter. pic.twitter.com/fmUt2ZqelO
— ANI (@ANI) September 23, 2019
उन्होंने अपने जवाब में जांच एजेंसी के इस दावे से भी इनकार किया कि अपराध में उन पर अभियोग लगाने के लिए ठोस सबूत रिकार्ड में है और उनके खिलाफ एक मजबूत मामला बनता है। चिदंबरम ने इस आरोप से भी इनकार किया कि उन्होंने अपने सहयोगी षड्यंत्रकारियों के साथ मिलकर वित्तमंत्री के पद का इस्तेमाल अपने निजी लाभ के लिए किया। उन्होंने साथ ही दावा किया कि इस मामले में सरकारी खजाने को कोई नुकसान नहीं हुआ।
उन्होंने जवाब में कहा, 'इस मामले में कोई सार्वजनिक राशि शामिल नहीं थी और यह कोई बैंक धोखाधड़ी या धनराशि देश के बाहर ले जाने या राशि चुराकर निवेशकों से धोखाधड़ी करने का मामला नहीं है।' चिदंबरम ने कहा कि इंद्राणी मुखर्जी की कोई विश्वसनीयता नहीं है जो कि भ्रष्टाचार मामले में सरकारी गवाह बन गई है क्योंकि सीबीआई उसके और उसके पति के खिलाफ हत्या के मामले में जांच कर रही है।
न्यायमूर्ति सुरेश कैत दिन में बाद में चिदंबरम की जमानत अर्जी पर सुनवायी करने वाले हैं। सीबीआई ने भ्रष्टाचार मामले में चिदंबरम की जमानत याचिका पर शुक्रवार को कहा था कि यह ‘‘आर्थिक अपराधों का सबसे बड़ा मामला’’ है और वित्तीय गबन और उच्च सार्वजनिक पद के दुरुपयोग के कारण उन्हें कोई राहत नहीं मिलनी चाहिए।
सीबीआई ने चिदंबरम की जमानत अर्जी पर अपने लिखित जवाब में कहा था कि पूर्व वित्तमंत्री द्वारा किये गए अपराध की गंभीरता को देखते हुए वह किसी राहत के हकदार नहीं हैं क्योंकि यह न केवल 'भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति' के खिलाफ होगा बल्कि यह भ्रष्टाचार के सभी मामलों में एक गलत नजीर बनेगा। सीबीआई ने कहा कि जांच से खुलासा हुआ कि चिदंबरम ने वित्तमंत्री रहते रिश्वत की मांग की थी और भुगतान भारत और विदेश में उन्हें और उनके आरोपी पुत्र कार्ति को किया गया था।
एजेंसी ने कहा था कि उनकी गिरफ्तारी के बावजूद चिदंबरम पूछताछ के दौरान पूछे गए सवालों पर टालमटोल करते रहे। चिदंबरम को सीबीआई ने 21 अगस्त को यहां जोरबाग स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था और वह तीन अक्टूबर तक तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।