साल 2025 तक सड़क परियोजनाओं में 20.33 लाख करोड़ रुपये निवेश की जरूरत: समिति

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 1, 2020 21:28 IST2020-05-01T21:28:19+5:302020-05-01T21:28:19+5:30

इन परियोजनाओं में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे जैसे नये एक्सप्रेसवे का निर्माण शामिल है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे 1,320 किलोमीटर की नयी एक्सप्रेसवे परियोजना है, जिसे ईपीसी मॉडल के तहत 40 पैकेजों में अनुमानित कुल 90,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जायेगा।

Investment of Rs 20.33 lakh crore in road projects by 2025: Committee | साल 2025 तक सड़क परियोजनाओं में 20.33 लाख करोड़ रुपये निवेश की जरूरत: समिति

साल 2025 तक सड़क परियोजनाओं में 20.33 लाख करोड़ रुपये निवेश की जरूरत: समिति

Highlightsकेंद्र सरकार द्वारा इन परियोजनाओं के लिये कुल पूंजीगत व्यय का अनुमान 13.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) 31 अक्टूबर 2019 तक 24,097 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के 19 पैकेजों के ठेके दे चुका है।

नयी दिल्ली: बुनियादी संरचना की विकास योजनाओं को लेकर गठित एक सरकारी समिति ने राजमार्गों में अधिक निजी निवेश की जरूरत पर जोर दिया है। समिति का कहना है कि अगले पांच साल में सड़क क्षेत्र में परियोजनाओं में 20.33 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत पड़ सकती है। वित्त मंत्रालय ने आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती की अध्यक्षता में राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) का खाका तैयार करने के लिये इस कार्य बल का गठन किया था।

कार्य बल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बुधवार को सौंपी अंतिम रिपोर्ट में ये सुझाव दिये हैं। कार्य बल ने वित्त वर्ष 2024-25 तक देश में बुनियादी क्षेत्र की तमाम परियोजनाओं में कुल 111 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत का अनुमान व्यक्त किया है। उसने कहा है कि लक्ष्य किये गये कुल निवेश का 18 प्रतिशत अकेले सड़क क्षेत्र में होगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 से 2025 तक लक्ष्य किये गये 111 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लगभग 18 प्रतिशत हिस्सा सड़क क्षेत्र में आने के अनुमान हैं। इसमें भी सड़क की लंबाई और सुरक्षा सुविधाओं को बढ़ाने पर ज्यादातर निवेश हो सकते हैं।’’ कार्य बल ने कहा, ‘‘महत्वाकांक्षी लक्ष्य को देखते हुए, निजी क्षेत्र की बढ़ी हुई भागीदारी महत्वपूर्ण है।’’ कार्य बल ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को निजी क्षेत्र के लिये तुलनात्मक रूप से कम जोखिम वाले मॉडल जैसे इंजीनियरिंग खरीद और निर्माण (ईपीसी) तथा हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (एचएएम) का श्रेय दिया।

उसने कहा कि इससे 2015 के बाद से राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण की दर दोगुनी हो सकती है। मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2019 में लक्षित 16,420 किलोमीटर के मुकाबले लगभग 30 किमी की औसत दैनिक निर्माण दर के साथ 10,855 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया है।

रिपोर्ट में कहा गया, “सड़क क्षेत्र में, केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा 20,33,823 करोड़ रुपये का कुल पूंजी व्यय 2020 और 2025 के बीच किया जाएगा। इस दौरान क्रियान्वयित किये जाने योग्य लगभग 1,820 परियोजनाओं की पहचान की गयी है। केंद्र सरकार द्वारा इन परियोजनाओं के लिये कुल पूंजीगत व्यय का अनुमान 13.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।’’

इन परियोजनाओं में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे जैसे नये एक्सप्रेसवे का निर्माण शामिल है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे 1,320 किलोमीटर की नयी एक्सप्रेसवे परियोजना है, जिसे ईपीसी मॉडल के तहत 40 पैकेजों में अनुमानित कुल 90,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जायेगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) 31 अक्टूबर 2019 तक 24,097 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के 19 पैकेजों के ठेके दे चुका है।

Web Title: Investment of Rs 20.33 lakh crore in road projects by 2025: Committee

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे