अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर रविवार (8 मार्च) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'नारी शक्ति पुरस्कार' से सम्मानित महिलाओं से बातचीत की। इस दौरान पीएम मोदी ने 103 वर्षीय मान कौर से आशीर्वाद लिया। मान कौर को आज एथलेटिक्स में उनकी उपलब्धियों के लिए 'नारी शक्ति पुरस्कार' से सम्मानित किया गया है़। वहीं, 'नारी शक्ति पुरस्कार' से सम्मानित 98 वर्षीय कार्तियानी अम्मा ने पीएम मोदी से बातचीत की और बताया कि उन्होंने कक्षा 4 की परीक्षा 98 प्रतिशत से पास की है और आगे भी पढ़ना चाहती हैं।
इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर एक महिला राजमिस्त्री, सौ वर्ष से अधिक उम्र की एथलीट, झारखंड की महिला टार्जन और मशरूम महिला समेत 15 महिलाओं को नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया। सरकार महिला सशक्तिकरण और सामाजिक कल्याण में महिलाओं की अथक सेवा को पहचान देने के लिए हर साल नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान करती है।
कृषि, खेल, हस्तकला, वनीकरण, वन्यजीव संरक्षण, सशस्त्र बलों तथा शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी महिलाएं शामिल
साल 2019 के विजेताओं में कृषि, खेल, हस्तकला, वनीकरण, वन्यजीव संरक्षण, सशस्त्र बलों तथा शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी महिलाएं शामिल हैं। मशरूम की खेती को लोकप्रिय बनाने के लिए मशरूम महिला के नाम से मशहूर बीना देवी भी विजेताओं में से एक हैं। देवी (43) मशरूम की खेती करती हैं। वह पांच साल तक तेतियाबांबेर प्रखंड की धौरी पंचायत की सरपंच भी रह चुकी हैं। वे किसानों को मशरूम की खेती, जैविक कृषि, घर पर जैविक कीटनाशकों तैयार करने का प्रशिक्षण दे चुकी हैं।
उन्हें मुंगेर जिले के पांच प्रखंडों और आसपास के 105 गांवों में मशरूम उत्पादन को लोकप्रिय बनाने के लिए पुरस्कार से नवाजा गया है, जिससे 1500 महिलाएं लाभान्वित हुई हैं। उन्होंने डिजिटल साक्षरता के प्रसार में भी योगदान दिया है और उन्हें 700 महिलाओं को टाटा ट्रस्ट द्वारा मोबाइल फोन का उपयोग करने के प्रशिक्षण देने के लिए सम्मानित किया गया।
नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित महिलाओं में 103 वर्षीय मान कौर भी हैं, जिन्हें चंडीगढ़ का चमत्कार नाम से भी जाना जाता है। कौर ने 93 साल की उम्र में एथलेटिक करियर की शुरुआत की थी। वह पोलैंड में विश्व मास्टर्स एथलेटिक चैम्पियनशिप में चार स्वर्ण पदक (ट्रैक एंड फील्ड) जीत चुकी हैं। अमेरिकन मास्टर्स गेम, 2016 में सौ साल से अधिक उम्र की दुनिया की सबसे तेज धावक होने का रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम है। वह फिट इंडिया मूवमेंट से जुड़ी हैं और ऑकलैंड के स्काई टॉवर (2017) के शीर्ष पर चलने वाली सबसे उम्रदराज व्यक्ति हैं। वहीं 58 वर्षीय महिला राजमिस्त्री कलावती देवी भी पुरस्कार विजेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने कानपुर जिले में खुले में शौच को कम करने की दिशा में प्रेरणादायी कार्य किया है।
वह कानपुर और उसके आसपास के गांवों में 4,000 से अधिक शौचालयों के निर्माण और घर-घर जाकर खुले में शौच से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए भी जानी जाती हैं। आरिफा जान (33) को पहचान खो चुकी नुमधा हस्तशिल्प कला को पुनर्जीवित करने के लिए सम्मानित किया गया। उन्होंने कश्मीर की 100 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया है। जान ने 25 कश्मीरी शिल्पकारों को रोजगार दिया है और अपने कर्मचारियों की मजदूरी 175 रुपए से बढ़ाकर 450 रुपए की है। चामी मुर्मू (47) को एक जूनूनी पर्यावरणविद् के रूप में उनके काम के लिए सम्मानित किया गया है।
झारखंड की लेडी टार्जन के रूप में जानी जाने वाली मुर्मू वन विभाग के साथ 25 लाख से अधिक पेड़ लगाने और 3,000 से अधिक महिलाओं को संगठित करने में शामिल रही हैं। उन्होंने स्थानीय वन्यजीवों की सुरक्षा और जंगलों को लकड़ी माफियाओं तथा नक्सलियों से बचाने के लिए सक्रिय रूप से काम किया है।(समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा से इनपुट)