भारत की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आज पुण्यतिथि है। उन्हें भारतीय राजनीति के इतिहास में विशेष रूप से याद किया जाता है। उनकी छवि एक तेज तर्रार, त्वरित निर्णयाक क्षमता और लोकप्रियता नेता की रही है, जिसका लोहा दुनिया ने माना है। ऐसे शख्सियत की आज के ही दिन यानि 31 अक्टूबर 1984 को हत्या कर दी गई थी। आज हम आपको इंदिरा गांधी से जुड़ी दस बातें बताने जा रहे हैं।
1- इंदिरा गांधी देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की पुत्री थीं। उनका जन्म 19 नवम्बर 1917 को हुआ था। उन्होंने ऑक्सफोर्ड जैसे प्रमुख संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की थी। उन्हें विश्व भर के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
2- इंदिरा गांधी के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने जब ऑक्सफोर्ड में दाखिला लिया था तो उस समय उनकी अक्सर मुलाकात फिरोज गांधी से होती रहती थी, जिन्हे यह इलाहाबाद से जानती थीं और जो लंदन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स में अध्ययन कर रहे थे। अंततः 16 मार्च 1942 को आनंद भवन, इलाहाबाद में एक निजी आदि धर्म ब्रह्म-वैदिक समारोह में इनका विवाह फिरोज से हुआ।
3- इंदिरा गांधी सक्रिय राजनीति में अपने पिता जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद आईं थी। उन्होंने प्रथम बार प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल में सूचना और प्रसारण मंत्री का पद संभाला था। इसके बाद शास्त्री जी के निधन पर वह देश की तीसरी प्रधानमंत्री चुनी गई।
4- लालबहादुर शास्त्री के बाद प्रधानमंत्री बनीं इंदिरा को शुरू में 'गूंगी गुड़िया' की उपाधि दी गई थी, लेकिन 1966 से 1977 और 1980 से 1984 के दौरान प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा ने अपने साहसी फैसलों के कारण साबित कर दिया कि वे एक बुलंद शख्यिसत की मालिक हैं।
5- इंदिरा गांधी ने 1969 में 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया था। उन्होंनों 19 जुलाई 1969 को एक अध्यादेश लाकर 14 बैंकों का स्वामित्व राज्य के हवाले कर दिया गया था। उस सम इन बैंकों के पास देश का 70 प्रतिशत जमापूंजी थी। राष्ट्रीयकरण के बाद बैंकों की 40 प्रतिशत पूंजी को प्राइमरी सेक्टर में निवेश के लिए रखा गया था।
6- इंदिरा गांधी ने पाकिस्तीन के राष्ट्रपति ने शिमला शिखर वार्ता के लिए बुलाया था, जहां दोनों देशों के बीच समझौता हुआ था और इस समझौते को 'शिमला समझौता' नाम दिया गया था। इसके तहत दोनों देशों को कश्मीर विवाद पर शांतिपूर्ण तरीके से व्यवहार करने के लिए कहा गया।
7- इंदिरा गांधी उस समय भी सुर्खियों में आई थीं जब उन्होंने भारत की ताकत को बढ़ाने के लिए 1974 में राजस्थान के पोखरण में परमाणु परीक्षण करवाया था। इसके बाद भारत परमाणु शक्ति बन गया था।
8- इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाई थी। 1971 में बांग्लादेश के शरणार्थियों के लिए उन्होंने पूर्वी-पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा बुलंद किया, जिसमें भारत को राजनीतिक और सैन्य के सहयोग से जीत हासिल हुई। उनके कुशल नेतृतव में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को धूल चटा दी, जबकि पाकिस्तान के पीछे अमेरिका का हाथ था।
9- इंदिरा गांधी ने 1975 में आपातकाल लगा दिया था। आपातकाल लगाने का काफी विरोध हुआ। इंदिरा की राजनीतिक छवि को आपातकाल की वजह से गहरा धक्का लगा। इसी का नतीजा रहा कि 1977 में देश की जनता ने उन्हें नकार दिया, हालांकि कुछ वर्षों बाद ही फिर से सत्ता में उनकी वापसी हुई।
10- 1980 का दशक खालिस्तानी आतंकवाद के रूप में बड़ी चुनौती लेकर आया था, जिसमें इंदिरा गांधी ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर को अलग खालिस्तान की मांग करने वाले जरनैल सिंह भिंडरावाले और उसके समर्थकों के चंगुल से छुड़वाया था। इसको ऑपरेशन ब्लू स्टार नाम दिया गया था। इसके बाद वे सिख अलगाववादियों के निशाने पर थीं। 31 अक्टूबर 1984 को उनके दो सिख अंगरक्षकों ने ही उनकी हत्या कर दी।