पाकिस्तान से लौटी गीता के बिछड़े परिवार के तेलुगु भाषी होने के संकेत, नये सिरे से होगी खोज

By भाषा | Published: November 6, 2020 05:08 PM2020-11-06T17:08:20+5:302020-11-06T17:08:20+5:30

Indications of Geeta's estranged family returning from Pakistan to be Telugu speaking, to be discovered afresh | पाकिस्तान से लौटी गीता के बिछड़े परिवार के तेलुगु भाषी होने के संकेत, नये सिरे से होगी खोज

पाकिस्तान से लौटी गीता के बिछड़े परिवार के तेलुगु भाषी होने के संकेत, नये सिरे से होगी खोज

इंदौर (मध्यप्रदेश), छह नवंबर बहुचर्चित घटनाक्रम में पाकिस्तान से पांच साल पहले भारत लौटी मूक-बधिर युवती गीता के बिछड़े परिवार की खोज के लिए एक गैर सरकारी संगठन तेलंगाना और इसके पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में जल्द ही अभियान शुरू करेगा।

राज्य के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त जन कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि दिव्यांगों की मदद के लिये चलाई जा रही आनंद सर्विस सोसाइटी शहर में गीता की देख-रेख कर रही है।

उन्होंने बताया कि इस गैर सरकारी संगठन को उसके माता-पिता की खोज का जिम्मा भी सौंपा गया है।

संगठन के संचालक और सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ ज्ञानेंद्र पुरोहित ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, "इशारों की जुबान में गीता से कई दौर की बातचीत के दौरान हमें उसके मूल निवास स्थान की भौगोलिक पृष्ठभूमि के बारे में कुछ अहम संकेत मिले हैं। ये संकेत महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले और इससे सटे तेलंगाना की ओर इशारा करते हैं।"

उन्होंने बताया, "हम गीता को अपने साथ नांदेड़ जिले और तेलंगाना के इलाकों में जल्द ही ले जाएंगे ताकि उसके दो दशक पहले बिछड़े परिवार को खोजा जा सके।"

पुरोहित ने बताया, "गीता से मिले संकेतों के आधार पर हमें लगता है कि उसका बिछड़ा परिवार तेलुगुभाषी हो सकता है। इसलिए उसके परिवार की खोज के लिए सोशल मीडिया पर तेलुगु में भी संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं।"

गौरतलब है कि तेलंगाना से भौगालिक नजदीकी के कारण महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में भी कई लोग तेलुगु भाषा बोलते हैं।

अधिकारियों के मुताबिक अब तक देश के अलग-अलग इलाकों के 10 से ज्यादा परिवार गीता को अपनी लापता बेटी बता चुके हैं, लेकिन सरकार की जांच में इनमें से किसी भी परिवार का मूक-बधिर लड़की पर दावा साबित नहीं हो सका है।

उन्होंने बताया कि फिलहाल गीता की उम्र 30 साल के आस-पास आंकी जाती है। वह बचपन में गलती से रेल में सवार होकर सीमा लांघने के कारण करीब 20 साल पहले पाकिस्तान पहुंच गयी थी।

पाकिस्तानी रेंजर्स ने गीता को लाहौर रेलवे स्टेशन पर समझौता एक्सप्रेस में अकेले बैठा हुआ पाया था।

तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (अब दिवंगत) के विशेष प्रयासों के कारण वह 26 अक्टूबर 2015 को स्वदेश लौट सकी थी। इसके अगले ही दिन उसे इंदौर में एक गैर सरकारी संस्था के आवासीय परिसर भेज दिया गया था।

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