अमेरिका के सैटेलाइट नजर गड़ाए रह गए, भारत ने चकमा देकर पोकरण में किया था परमाणु परीक्षण
By आदित्य द्विवेदी | Published: May 11, 2018 12:30 PM2018-05-11T12:30:57+5:302018-05-11T16:50:22+5:30
11 मई 1998 को अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने पोकरण में परमाणु परीक्षण करके पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था। किसी काम ना आ सकी अमेरिका और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां।
11 मई 1998 का दिन था। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी मीडिया के सामने आए और उन्होंने घोषणा की- 'आज दोपहर 3:45 बजे भारत ने पोखरण रेंज में तीन भूमिगत परमाणु परीक्षण किए।' दो दिन बाद भारत ने दो और परमाणु परीक्षण किए। तीन महीने पुरानी वाजपेयी सरकार के इस फैसले की भनक किसी को नहीं लग सकी। भारत की खुफिया गतिविधियों पर नजर रख रहे अमेरिकी सैटेलाइट धरे-धरे के धरे रह गए। भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देश के रूप में देखकर पूरी दुनिया हैरान थी। सबसे ज्यादा तकलीफ पड़ोसी देश पाकिस्तान को हुई थी।
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यह मिशन पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम की अगुवाई में चलाया गया था। मिशन का नाम था 'ऑपरेशन शक्ति'। इससे पहले भारत ने 1974 में इंदिरा गांधी की सरकार में पहला परमाणु परीक्षण किया था। उसे मिशन 'स्माइलिंग बुद्धा' नाम दिया गया था। हालांकि भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने घोषणा की थी कि हम कभी पहले परमाणु हमला नहीं करेंगे। बेहद रोमांचक है भारत के पोकरण-2 परमाणु परीक्षण की कहानी...
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- भारत को अंदेशा था कि अगर परमाणु परीक्षण की भनक अमेरिका या पाकिस्तान को लग गई तो कई तरह के दबाव बनाए जाएंगे। इसको ध्यान में रखते हुए भारतीय इंटेलिजेंस ने एक खुफिया प्लान बनाया।
- पोकरण परीक्षण से जुड़े वैज्ञानिक और इंजीनियर्स को सेना की वर्दी में ले जाया गया ताकि लोगों के लगे कि यह रूटीन कार्रवाई है। कलाम समेत कई प्रमुख वैज्ञानिकों को भी अलग-अलग शहरों से होते हुए पोकरण ले जाया गया। बाद में इनकी तस्वीर भी सार्वजनिक की गई थी।
- भारतीय सेना की 58वीं इंजीनियर रेजीमेंट परमाणु परीक्षण की तैयारियां रात में की थी। दिन में किसी भी तरह की हलचल नहीं की जाती थी। एपीजे कलाम भी साइट विजिट के लिए झुंड में ना जाकर अकेले गए थे।
- 10 मई की रात करीब 3 बजे सेना के ट्रकों के जरिए परमाणु बमों को पोकरण पहुंचाया गया था। इन्हें कुएंनुमा गड्ढों में दबाकर ऊपर से बालू डाल दी गई। धमाके के साथ ही आसमान में धुएं का गुबार उठा। एपीजे कलाम ने परीक्षण की सफलता की घोषणा की।
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