'मेक इन इंडिया' को एक और झटका, सरकार ने बंद किया तेजस एक्सप्रेस के कोच का निर्माण!

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: July 29, 2019 08:07 IST2019-07-29T08:07:49+5:302019-07-29T08:07:49+5:30

सुरेश प्रभु ने 'तेजस' सेमी हाईस्पीड ट्रेन को आरंभ करते समय इसे महत्वकांक्षी परियोजना बताते हुए कहा था कि यह परियोजना रेलवे को आधुनिकीकरण की ओर ले जाएगी. दरअसल राजस्व खर्च में वृद्धि के चलते केंद्र सरकार ने खर्चों में कटौती करने के लिए तेजस को दरकिनार कर दिया है.

Indian Railways big setback: government stopped the construction of Tejas Express coach! | 'मेक इन इंडिया' को एक और झटका, सरकार ने बंद किया तेजस एक्सप्रेस के कोच का निर्माण!

'मेक इन इंडिया' को एक और झटका, सरकार ने बंद किया तेजस एक्सप्रेस के कोच का निर्माण!

Highlightsराजस्व खर्च में वृद्धि के चलते केंद्र सरकार ने खर्चों में कटौती करने के लिए तेजस को दरकिनार कर दिया है.200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलनेवाली 'तेजस' के कोचों का निर्माण पंजाब और चेन्नई में हो रहा था.

नई दिल्ली, 28 जुलाईः मेक इन इंडिया के तहत महत्वकांक्षी परियोजना के रूप में आरंभ किए गए 'तेजस' एक्सप्रेस के कोच के निर्माण का काम केंद्र सरकार ने अस्थायी रूप से बंद कर दिया है. हालांकि रेलवे के अधिकारियों ने बताया है कि यात्रियों की तरफ से मांग नहीं रहने के चलते कोच का निर्माण बंद किया गया है. भविष्य में तेजस की मांग बढ़ने पर कोच निर्माण का कार्य फिर से शुरू होने की संभावना है. भाजपा ने वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद मेक इन इंडिया की शुरुआत की थी.जिसमें सेमी हाईस्पीड ट्रेन के लिए भी उसमें प्रावधान किया गया था.

तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने 'तेजस' सेमी हाईस्पीड ट्रेन को आरंभ करते समय इसे महत्वकांक्षी परियोजना बताते हुए कहा था कि यह परियोजना रेलवे को आधुनिकीकरण की ओर ले जाएगी. दरअसल राजस्व खर्च में वृद्धि के चलते केंद्र सरकार ने खर्चों में कटौती करने के लिए तेजस को दरकिनार कर दिया है. मंत्रिमंडल के निर्णय के बाद तेजस के कोचों का निर्माण तुरंत बंद कर दिया गया.

200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलनेवाली 'तेजस' के कोचों का निर्माण पंजाब और चेन्नई में हो रहा था. यह वातानूकुलित ट्रेन अत्याधुनिक सुविधाओं के लिए पहचानी जाती है. दिल्ली-चंडीगढ़ और दिल्ली-लखनऊ जैसे दो मार्गों के लिए तेजस का निर्माण पूरा हो चुका है. हालांकि इसे आरंभ करने में विलंब हो रहा है.

सरकार के इस फैसले के चलते यात्रियों को सेमी हाईस्पीड 'तेजस' की सेवा नहीं मिल सकेगी. फिलहाल मुंबई-करमाली और चेन्नई-मदुरै मार्ग पर 'तेजस' की सेवा जारी है. जबकि दिल्ली में सेवा केंद्र सरकार की अनुमति मिलते ही आरंभ होगी. सरकार की घोषणा के अनुसार वर्ष 2016 में यह दोनों ट्रेनें चलाया जाना अपेक्षित था.

 निजीकरण की चर्चा

दिल्ली-लखनऊ मार्ग की 'तेजस' को चलाने का काम निजी कंपनी को दिया जानेवाला है. हालांकि रेलवे की ओर से इस संबंध में अब तक कोई जानकारी नहीं दी गई है.रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि 100 दिनों के लिए यह प्रयोग किए जाने के बाद इस संबंध में फैसला लिया जाएगा. बजट में रेलवे के तेजी से विकास के लिए निजी क्षेत्र के सहयोग पर जोर दिया गया था जिसका विपक्ष ने विरोध किया था.

Web Title: Indian Railways big setback: government stopped the construction of Tejas Express coach!

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