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भारतीय पायलट विंग कमांडर अभिनंदन को वापस लाने की उठी मांग, भारत के पास अब क्या है विकल्प?

By पल्लवी कुमारी | Updated: February 28, 2019 10:53 IST

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने 27 फरवरी को जानकारी दी है कि पाकिस्तान का एक फाइटर प्लेन भारतीय वायुसेना ने मार गिराया। वहीं, उन्होंने पुष्टि की है कि भारत ने एक मिग 21 विमान को खोया है और हमारा एक पायलट भी लापता है। लेकिन उन्होंने पायलट के बारे में कोई भी जानकारी नहीं दी है। उन्होंने कहा कि इस बारे में जैसे-जैसे सूचना मिलेगी हम जवाब देंगे।

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पाकिस्तान के दावों के बाद अब भारत ने भी मान लिया है कि भारतीय वायुसेना का एक लापता पायलट पाकिस्तानी सेना के कब्जे में हैं। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट कर जानकरी दी है कि उनके पास भारत का एक पायलट है। उससे पहले पाकिस्तान की ओर से ये दावा किया जा रहा था कि पाकिस्तान ने भारत के दो विमान मार गिराए हैं और दो भारतीय पायलट को भी गिरफ्तार किया है। जिसका बाद में पाकिस्तान की ओर से ही खंडन किया गया। 

पाकिस्तान द्वारा जारी वीडियो में ये दावा किया गया है कि भारतीय पायलट का नाम विंग कमांडर अभिनंदन है। भारतीय वायुसेना का एक पायलट उनकी हिरासत में है, जिसको लेकर देश में चिंता है। सोशल मीडिया पर भी भारतीय जवान को वापस लाने को लेकर अभियान सा छिड़ गया है। ट्विटर पर मांग की जा रही है कि भारतीय जवान अभिनंदन को तुरंत वापस लाया जाए। 

जैसे ही पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि भारतीय वायुसेना का अभिनंदन वर्धमान उनके कब्जे में उसी के बाद से ही ट्विटर पर वह #Abhinandan,  #BringBackAbhinandan, #BringAbhinandanBack हैशटैग टॉप ट्रेंड में है। इसके अलावा #SayNoToWar हैशटैग के जरिए शांति की अपील भी की जा रही हैं। ना सिर्फ आम यूजर्स बल्कि कई बड़े पत्रकार और हस्तियां भी इस हैशटेग का इस्तेमाल कर रहे हैं। 

इन हैशटैग के साथ लोग ये अपील कर रहे हैं कि विंग कमांडर अभिनंदन को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होना चाहिए और सुरक्षित उन्हें भारत वापस लाया जा। कुछ लोग ये भी कह रहे हैं कि आप जंग छोड़िए बस कैसे भी करके भारतीय पायलट को वापस लाइए। 

भारत के पास भारतीय पायलट विंग कमांडर अभिनंदन को वापस लाने का क्या विक्लप है? 

यहां सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान के कब्जे से भारत वापस कैसे लाया जाए? क्या पाकिस्तान उसे अपनी स्वेच्छा से भारत वापस भेज देगी या कुछ और। युद्धबंदियों पर जेनेवा कन्वेंशन लागू होता है। जेनेवा कन्वेंशन के हिसाब से पाकिस्तान को उनके साथ मानवीय व्यवहार करना होगा। अब सवाल ये उठता है कि  जेनेवा कन्वेंशन क्या होता है? 

जेनेवा कन्वेंशन क्या होता है? 

जेनेवा संधि की शुरुआत 1949 में हुई थी। जेनेवा संधि युद्ध के दौरान सैनिकों को मानवीय उपचार के लिए अंतर्राष्ट्रीय कानून के मानकों को स्थापित करती है।  यह संधि किसी भी देश के सैनिक को दुश्मन देश द्वारा पकड़े जाने पर उसे सुरक्षा प्रदान करती है। सैनिक महिला हो या पुरुष अगर वह दुश्मन देश द्वारा पकड़ा जाता है तो जेनेवा संधि के नियम लागू हो जाता है। संधि के नियम पकड़े गए सैनिक को प्रताड़ना दिए जाने से प्रतिबंधित करते हैं। दुश्मन देश द्वारा उसकी उसकी जाति, रंग, धर्म, जन्‍म या दौलत आदी बातों को नहीं उजागर नहीं किया जाता है। यदी सैनिक को किसी तरह की कोई मेडिकल की आवश्यकता है तो उसे फौरन दिया जाना चाहिए। इसके अलावा सैनिक को पूरा सम्मान दिया जाना चाहिए। 

जेनेवा कन्वेंशन के तहत पाकिस्तान भारतीय पायलट को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता है। लेकिन पाकिस्तान ने भारतीय सैनिकों के साथ पहले भी जेनेवा कन्वेंशन के नियमों को उल्लघंन कर चुका है। 

पहले भी भारत के पायलट को पाकिस्तानी सेना द्वारा पकड़ा गया था। 

करगिल युद्ध ( 1999 ) के दौरान भी एक 26 वर्षीय फ्लाइट लेफ्टिनेंट के. नचिकेता पाकिस्तानी सैनिक ने अपने कब्जे में ले लिया था। बाद में उसे भारत लौटया गया था। लेकिन वो पूरी प्रक्रिया कैसे हुई वो हम आपको बताते हैं... 

करगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान में जी. पार्थसारथी भारतीय उच्चायुक्त थे। पार्थसारथी 1963 से 1968 के बीच भारतीय सेना के भी अधिकारी रह चुके हैं।  26 वर्षीय फ्लाइट लेफ्टिनेंट के. नचिकेता को पाकिस्तान ने कैसे छोड़ा इस न्यूज 18 से बात करते हुए पार्थसारथी ने बताया-

''करगिल युद्ध के वक्त लेफ्टिनेंट नचिकेता मिग 27 एयरक्राफ्ट में थे।  उन्हें ये आदेश दिया गया था कि  नियंत्रण रेखा पार नहीं करना है। युद्ध के दौरान उन्होंने मिग 27 से आक्रमण किया लेकिन जब नीचे आए तो मिसाइल ट्रैक से उनको उतारा गया और पाकिस्तान ने उन्हें कब्जे में ले लिया था। 

इस घटना के कुछ दिनों बाद मुझे पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से संदेश मिला कि वर्तमान प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा है कि नचिकेता को रिहा कर दिया जाए। ये उनकी तरफ से सद्भावना का संकेत है। 

उन्होंने कहा कि हम उन्हें रिहा करना चाहते हैं। मैंने कहा ठीक है। जब मैंने पूछा ये सारी प्रक्रिया कैसी होगी और कहां से मैं अपना जवान ले जाउं। पाकिस्तान की ओर से जवाब मिला  जिन्ना हॉल पर उक्त दिनाक को मिलिए और अपने जवान को ले जाइए। 

जब भारत की सरकार ने पता किया कि जिन्ना हॉल, तो वह जगह है जहां प्रेसवार्ता की जाती है। तो मैंने फिर पाकिस्तान से बात की और कहा, आप के. नचिकेता को विश्व के सारे मीडिया के सामने रिहा करना चाहते हैं क्या? जवाब मिला- हां, मैंने कहा ऐसा बिल्कुल नहीं हो सकता है। इसके पीछे का मेरा तर्क था कि किसी युद्धबंदी को रिहा कर पाकिस्तान दुनिया के सामने मिसाल पेश करना चाहता है। मैंने पाकिस्तान को कहा आप हमें पर्सनली तौर पर हमारे जवान को छोड़ दीजिए। इस तरह से तामझाम के साथ नहीं।

इसके बाद जब मैंने दिल्ली अटल बिहारी वायजपेयी की सरकार को इसके बारे में जानकारी दी तो वहां से भी मुझे यही कहा गया कि मैंने ठीक किया है। 

इसके घटना के कुछ दिनों बाद पाकिस्तान का फिर से फोन कॉल आया। मेरे से पूछा गया कि आप बताए उन्हें किस तरीके से छुड़वाना चाहते हैं आप? मैंने कहा कि देखिए आप से हमारा विश्वास वाला कोई रिश्ता नहीं है। भारत को पाकिस्तान पर कोई भरोसा नहीं है। आप उन्हें दूतावास में छोड़ें फिर मैं उनको वहां से वापस लूंगा। पाकिस्तान ने उसके बाद उन्हें दूतावास लाया और हमने रात को उन्हें एयर कमोडोर जसवाल के घर में ठहराया। जिसके बाद वाघा बॉर्डर में अपनी सेना को सुपुर्द किया गया।  नचिकेता के मामले में उनसे कोई दुर्व्यवहार नहीं हुआ था।''

अब भारत के वापस ये विकल्प है कि जैसे नचिकेता को बातों और समझौते के जरिए रिहा करवाया गया वैसे ही विंग कमांडर अभिनंदन को भी वापस लाया जाए। या फिर युद्धबंदियों पर जेनेवा कन्वेंशन के तहत कोई फैसला लिया जाए। 

भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा- सुरक्षित वापस भेजे हमारा जवान

विदेश मंत्रालय ने भारत ने पाकिस्तान को सलाह दी है कि भारतीय वायुसेना के जवान को पाक सेना की हिरासत में किसी तरह का कोई नुकसान न पहुंचाया जाए। भारत को उनके तत्काल और सुरक्षित वापसी की भी उम्मीद है।  विदेश मंत्रालय ने भारत ने पाकिस्तान द्वारा इंडियन एयरफोर्स के घायल जवान की तस्वीर जारी करने पर हुए इंटरनैशनल ह्यूमैनिटेरियन लॉ और जेनेवा कनवेंशन के मानदंडों के उल्लंघन करने को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। 

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने 27 फरवरी को जानकारी दी है कि पाकिस्तान का एक फाइटर प्लेन भारतीय वायुसेना ने मार गिराया। वहीं, उन्होंने पुष्टि की है कि भारत ने एक मिग 21 विमान को खोया है और हमारा एक पायलट भी लापता है। लेकिन उन्होंने पायलट के बारे में कोई भी जानकारी नहीं दी है। उन्होंने कहा कि इस बारे में जैसे-जैसे सूचना मिलेगी हम जवाब देंगे।

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