भारतीय नौसेना ने मालवाहक जहाज को समुद्री लुटेरों से बचाया, अरब सागर में जांबाजी दिखाई
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: December 16, 2023 11:47 AM2023-12-16T11:47:59+5:302023-12-16T11:52:38+5:30
सोमालिया के समुद्री लुटेरे लंबे समय से इस क्षेत्र में सक्रिय हैं। अदन की खाड़ी एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग है और इससे होकर दुनिया भर के कई मालवाहक जहाज गुजरते हैं। समुद्री लुटेरे इन जहाजों का अपहरण करने के फिराक में रहते हैं। बाद में इन्हें छोड़ने के बदले वह बड़ी रकम फिरौती के रूप में वसूलते हैं।
नई दिल्ली: भारतीय नौसेना ने अरब सागर में जांबाजी दिखाते हुए एक मालवाहक जहाज को समुद्री लुटेरों के चंगुल में फंसने से बचा लिया। नौसेना के युद्धपोत और समुद्री गश्ती विमान ने अरब सागर में माल्टा ध्वज वाले जहाज एमवी रुएन के अपहरण से संबंधित संदेश मिलने पर तेजी से प्रतिक्रिया दी। नौसेना का तुरंत की गई कार्रवाई के कारण मालवाहक जहाज को बचा लिया गया।
जैसे ही भारतीय नौसेना को लुटेरों से संबंधित आपात कालीन संदेश मिले, स्थिति पर तेजी से प्रतिक्रिया करते हुए, भारतीय नौसेना ने क्षेत्र में निगरानी करने वाले अपने नौसेना समुद्री गश्ती विमान और एमवी रुएन का पता लगाने और सहायता करने के लिए अदन की खाड़ी में एंटी पाइरेसी गश्ती पर अपने युद्धपोत को भेज दिया।
Indian Navy's warship and maritime patrol aircraft responded swiftly to a hijacking incident in the Arabian Sea involving the hijacking of Malta Flagged Vessel MV Ruen
— ANI (@ANI) December 16, 2023
Responding swiftly to the developing situation, Indian Navy diverted its Naval Maritime Patrol aircraft… pic.twitter.com/JECS4Swhr4
भारतीय नौसेना ने बताया है कि नेवी के विमान ने 15 दिसंबर 23 की सुबह माल्टा ध्वज वाले जहाज वाले जहाज के ऊपर से उड़ान भरी। इसे सोमालिया के तट की ओर ले जाने की कोशिश हो रही थी। नौसेना के विमान ने लगातार जहाज की गतिविधि की निगरानी की। भारतीय नौसेना के युद्धपोत, जिसे समुद्री डकैती रोधी गश्त के लिए अदन की खाड़ी में तैनात किया गया था, ने 16 दिसंबर 23 के शुरुआती घंटों में एमवी रुएन को भी रोक दिया।
बता दें कि सोमालिया के समुद्री लुटेरे लंबे समय से इस क्षेत्र में सक्रिय हैं। अदन की खाड़ी एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग है और इससे होकर दुनिया भर के कई मालवाहक जहाज गुजरते हैं। समुद्री लुटेरे इन जहाजों का अपहरण करने के फिराक में रहते हैं। बाद में इन्हें छोड़ने के बदले वह बड़ी रकम फिरौती के रूप में वसूलते हैं।
लुटेरे जहाजों के साथ उनके स्टाफ को सोमालिया के करीब ऐसे इलाकों पर ले जाते हैं जहां कहीं का कोई कानून लागू नहीं होता। ऐसी वारदातें बढ़ने के बाद कई देशों की नौसेनाओं ने एक साथ आपरेशन चलाकर सोमालिया के समुद्री डाकुओं के खतरे को करीब करीब खत्म कर दिया। कई देश मिलकर इस इलाके की निगरानी भी करते हैं। लेकिन अब एक बार फिर से समुद्री लुटेरे अपना सिर उठा रहे हैं।