पनडुब्बी को खोज कर नष्ट करने वाले MH-60R सीहॉक हेलिकॉप्टर को आईएनएस गरुड़ पर तैनात किया जाएगा, 6 मार्च को होगी तैनाती
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: March 4, 2024 05:55 PM2024-03-04T17:55:11+5:302024-03-04T17:57:07+5:30
भारत ने विदेशी सैन्य बिक्री के ढांचे के तहत फरवरी 2020 में 24-एमएच 60आर की खरीद के लिए अमेरिका के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। नौसेना ने कहा है कि हिंद महासागर क्षेत्र में सीहॉक की तैनाती भारतीय नौसेना की समुद्री मौजूदगी को मजबूत करेगी।
नई दिल्ली: भारतीय नौसेना 6 मार्च को कोच्चि में हाल ही में बेड़े में शामिल किए गए बहुउद्देश्यीय हेलीकॉप्टर MH-60R सीहॉक को आईएनएस गरुड़ पर तैनात करेगी। MH-60R सीहॉक हेलीकॉप्टर ब्लैकहॉक हेलीकॉप्टर का एक समुद्री संस्करण है। बहुउद्देश्यीय हेलिकॉप्टर MH-60R सीहॉक को आईएनएस गरुड़ पर तैनात करने के कदम को भारत की रक्षा आधुनिकीकरण यात्रा में एक महत्वपूर्ण क्षण माना जा रहा है। नौसेना ने बताया है कि सीहॉक्स स्क्वाड्रन को आईएनएएस 334 के रूप में भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा।
#IndianNavy to commission the newly inducted MH 60R Multi-Role Helicopter on #06Mar 24 at #INSGaruda, @IN_HQSNC.
— SpokespersonNavy (@indiannavy) March 3, 2024
Designed for Anti-Submarine & Anti-Surface Warfare, SAR, MEDEVAC & Vertical Replenishment, the #Seahawks will enable sustained naval ops over vast #maritime domains. pic.twitter.com/MFUlCV3dqF
MH-60R हेलीकॉप्टर पनडुब्बी को निशाना बनाने में माहिर है। यह खोज एवं बचाव (SAR), चिकित्सा व निकासी (MediVac) और वर्टिकल रिप्लेनिशमेंट (वर्टरैप) के लिए तैयार किया गया है। 2025 तक भारतीय नौसेना को 24 रोमियो हेलिकॉप्टर मिल जाएंगे।
भारत ने विदेशी सैन्य बिक्री के ढांचे के तहत फरवरी 2020 में 24-एमएच 60आर की खरीद के लिए अमेरिका के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। नौसेना ने कहा है कि हिंद महासागर क्षेत्र में सीहॉक की तैनाती भारतीय नौसेना की समुद्री मौजूदगी को मजबूत करेगी, संभावित खतरों को दूर करेगी और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में एक सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करेगी।
बता दें कि हाल के दिनों में भारतीय सशश्त्र सेनाओं को मजबूत करने की दिशा में कई अहम कदम उठाए गए हैं। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार, 1 मार्च को 39,125 करोड़ रुपये के पांच प्रमुख अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत मिसाइलें, एंटी एयरक्राफ्ट गन, एयरो-इंजन और रडार और ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ की खरीद शामिल हैं। सबसे बड़ा अनुबंध 220 से अधिक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलों की 19,519 करोड़ रुपये की खरीद के लिए हुआ। इसके तहत भारतीय नौसेना के फ्रंटलाइन युद्धपोतों के लिए 450 किलोमीटर की विस्तारित सीमा वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइलें खरीदी जाएंगी। यह समझौता भारत-रूसी संयुक्त उद्यम ब्रह्मोस एयरोस्पेस के साथ हुआ है।