भारतीय खगोल वैज्ञानिकों ने एक सबसे गर्म तारे का पता लगाया

By भाषा | Published: April 6, 2021 09:18 PM2021-04-06T21:18:38+5:302021-04-06T21:18:38+5:30

Indian astronomers discover one of the hottest stars | भारतीय खगोल वैज्ञानिकों ने एक सबसे गर्म तारे का पता लगाया

भारतीय खगोल वैज्ञानिकों ने एक सबसे गर्म तारे का पता लगाया

नयी दिल्ली, छह अप्रैल भारतीय खगोल वैज्ञानिकों ने एक दुर्लभ सुपरनोवा विस्फोट की निगरानी की और एक ‘वुल्फ-रेएट’ तारे या डब्ल्यूआर तारे का पता लगाया, जो सबसे गर्म तारे में एक है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने एक बयान में यह जानकारी दी।

बयान के मुताबिक दुर्लभ वुल्फ-रेएट तारे सूर्य से एक हजार गुना अधिक प्रकाशमान होते हैं, जिस कारण खगोल वैज्ञानिक लंबे समय तक संशय में रहे। ये आकार में बहुत बड़े तारे हैं। इस तरह के सुपरनोवा विस्फोट की निगरानी से वैज्ञानिकों को इन तारों की जांच में सहयोग मिलेगा, जो कि अब तक उनके लिए पहेली बनी हुई थी।

ब्रह्मांड में होने वाले सुपरनोवा विस्फोट में भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है। इन विस्फोटों की दीर्घकालीन निगरानी विस्फोट वाले तारे की प्रकृति और विस्फोट के तत्वों को समझने में मदद करते हैं।

बयान में कहा गया है कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत आने वाले नैनीताल स्थित स्वायत्त संस्थान आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरियस) से खगोल वैज्ञानिकों की एक टीम ने अन्तर्राष्ट्रीय सहयोगियों के साथ 2015 में मिले एनएसजी 7371 आकाशगंगा में इसी प्रकार के सुपरनोवा एसएन 2015डीजे की ऑप्टिकल निगरानी की।

बयान के मुताबिक, उन्होंने इस तारे के द्रव्यमान की गणना की।

उनका अध्ययन हाल ही में ‘द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल’ में प्रकाशित हुआ है।

बयान में कहा गया है कि वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि असली तारा दो तारों का मिश्रण था- जिनमें से एक विशाल डब्ल्यूआर तारा था और दूसरे तारे का द्रव्यमान सूर्य से कम था।

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Web Title: Indian astronomers discover one of the hottest stars

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