J&K: कश्मीर में ISIS के आतंक का साया, भारतीय सेना मुकाबले को तैयार
By सुरेश एस डुग्गर | Published: December 4, 2021 11:31 AM2021-12-04T11:31:26+5:302021-12-04T11:33:53+5:30
एक सेनाधिकारी के मुताबिक‘भारतीय सेना के लिए आतंकी, आतंकी ही होता है और वह चाहे किसी भी गुट का हो या फिर किसी भी देश का।’ उन्होंने कहा, भारतीय सुरक्षाबल और कश्मीर आईएसआईएस से मुकाबले को पूरी तरह से तैयार है और उनका भी हश्र 30 देशों के आतंकियों की ही तरह होने वाला है।
जम्मू: आईएसआईएस द्वारा कश्मीर में एक यातायात पुलिसकर्मी को गोली मारने का वीडियो जारी करने की घटना के बाद पुलिस अधिकारियों का मानना था कि अब उन्हें आईएसआईएस से मुकाबले की तैयारियां करनी होगी। हालांकि कश्मीर में तैनात सुरक्षाबलों ने 30 से अधिक देशों के खूंखार माने जाने वाले आतंकियों का मुकाबला आतंकवाद के इन 32 सालों में किया है।
वे आईएसआईएस को भी बड़ा खतरा नहीं मानते हैं। एक सेनाधिकारी के मुताबिक‘भारतीय सेना के लिए आतंकी, आतंकी ही होता है और वह चाहे किसी भी गुट का हो या फिर किसी भी देश का।’ उन्होंने कहा, भारतीय सुरक्षाबल और कश्मीर आईएसआईएस से मुकाबले को पूरी तरह से तैयार है और उनका भी हश्र 30 देशों के आतंकियों की ही तरह होने वाला है।
कश्मीर में 1988 में जब आतंकवाद शुरू हुआ तो तब स्थानीय आतंकी ही मैदान में थे। वर्ष 1992-93 के मध्य में पाकिस्तान ने पहले अफगान मुजाहिदीनों को इस ओर धकेला। उसके बाद विदेशी आतंकियों की ऐसी बाढ़ कश्मीर में आई की सुरक्षाबलों ने अभी तक 30 से अधिक देशों के उन भाड़े के आतंकियों को कश्मीर में ढेर कर दिया जो तथाकथित आजादी की जंग में कूदे थे।
ऐसे में आपको यह जान कर हैरानी होगी कि कश्मीर शायद दुनिया का ऐसा आतंकवादग्रस्त इलाका है जहां 30 देशों के आतंकी सक्रिय हैं और यहां पर अफगान मुजाहिदीनों, तालिबानियों और अल-कायदा के सदस्यों से सुरक्षाबल इन 32 सालों में मुकाबला करते आए हैं और अब कश्मीर में सक्रिय आईएस समर्थकों की हरकतों पर लगातार करीब पांच साल से नजर रखने वाले अधिकारी अब यह जरूर कहने लगे थे कि कश्मीर ने अफगान मुजाहिदीनों, तालिबानियों और अल-कायदा के सदस्यों का मुकाबला किया है और अब वह आईएसआईएस के मुकाबले के लिए भी तैयार है।
अगर सुरक्षाधिकारियों की माने तो अल-कायदा का पर्दापण भी कश्मीर में कई साल पहले हो चुका है। एलओसी पर होने वाली मुठभेड़ों में कुछेक अल-कायदा सदस्यों को मार गिराया जा चुका है और एक को जीवित पकड़ा गया था। फिलहाल जीवित पकड़ा गया आतंकी जेल में बंद है। कश्मीर में विदेशी आतंकियों का आना कभी रूका नहीं था। जब रूसी सेना ने अफगानिस्तान में अपना दबाव बढ़ाया तो पाकिस्तान ने उन तालिबानियों को इस ओर धकेल दिया जो अफगानिस्तान से भाग कर पाकिस्तानी इलाकों में वापस लौट आए थे।