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भारतीय सेना में शामिल होंगे चार पैरों पर चलने वाले रोबोट, गोली भी दाग सकते हैं, दुश्मन की खैर नहीं

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: June 25, 2024 15:33 IST

भारतीय सेना चुनौतीपूर्ण इलाकों में निगरानी और हल्के भार ले जाने के लिए रोबोटिक MULES (मल्टी-यूटिलिटी लेग्ड इक्विपमेंट) का पहला बैच शामिल करने की तैयारी कर रही है।

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ठळक मुद्देभारतीय सेना में जल्द ही 'चार पैरों वाले सैनिकों' को शामिल किया जा सकता हैये कोई जानवर नहीं बल्कि रिमोट-नियंत्रित डॉग होंगेजरूरत पड़ने पर फायर भी कर सकते हैं

नई दिल्ली: भारतीय सेना में जल्द ही 'चार पैरों वाले सैनिकों' को शामिल किया जा सकता है। ये कोई जानवर नहीं बल्कि  रिमोट-नियंत्रित डॉग होंगे जो जरूरत पड़ने पर फायर भी कर सकते हैं। इन रोबोटिक डॉग्स को पहाड़ी क्षेत्रों में दुर्गम इलाकों में तैनात किया जा सकता है। ये खास रोबोट छिपे हुए लक्ष्यों को निशाना बना सकते हैं। इससे मानव सैनिकों के लिए जोखिम कम हो जाता है।

भारतीय सेना चुनौतीपूर्ण इलाकों में निगरानी और हल्के भार ले जाने के लिए रोबोटिक MULES (मल्टी-यूटिलिटी लेग्ड इक्विपमेंट) का पहला बैच शामिल करने की तैयारी कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले साल सितंबर में आपातकालीन खरीद के लिए 100 रोबोटिक्स डॉग्स का ऑर्डर दिया गया था।  ऐसे 25 रोबोटिक MULES का निरीक्षण पूरा हो चुका है। इन्हें जल्द ही सेना में शामिल किए जाने की संभावना है।

दिप्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार शुरुआती खरीद संख्या खरीद की आपातकालीन प्रकृति के कारण सीमित है। इसमें 300 करोड़ रुपये तक के अनुबंध की अनुमति होती है। यदि रोबोटिक डॉग्स दक्षता और प्रभावशीलता प्रदर्शित करते हैं, तो सेना खरीद को बढ़ाने की योजना बना रही है। नियमों के अनुसार, सभी आपातकालीन खरीद ऑर्डर भारतीय कंपनियों को देने होंगे। हालाँकि, ऑर्डर पूरा करने वाली दिल्ली स्थित कंपनी के विनिर्माण विवरण का खुलासा नहीं किया गया है।

ये रिमोट-नियंत्रित चार पैरों पर चलने वाले रोबोट थर्मल कैमरे और सेंसर से लैस हैं। इनके प्रयोग से सैन्य निगरानी में क्रांति आ सकती है।  ये उन्नत मशीनें पहाड़ी क्षेत्रों और उन क्षेत्रों में निगरानी कर सकती हैं जहां दुश्मन और आतंकी छुप जाते हैं। रोबोट्स को छोटे हथियारों से लैस किया जा रहा है। ये सेना को मानव जीवन को खतरे में डाले बिना दुश्मनों से निपटने की क्षमता प्रदान करते हैं।

 रोबोटिक MULES (मल्टी-यूटिलिटी लेग्ड इक्विपमेंट) परिचालन दक्षता को बढ़ाते हुए अग्रिम पंक्ति के सैनिकों तक छोटे सामान पहुंचा सकते हैं। सैनिकों द्वारा दूर से नियंत्रित, ये रोबोटिक डॉग्स हाई रिज़ॉल्यूशन वाले कैमरों और सेंसर के माध्यम से वास्तविक समय डेटा प्रदान करके रणनीतिक लाभ प्रदान करते हैं।

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