भारतीय सेना के प्रमुख बिपिन रावत ने कश्मीरी युवकों के बंदूक उठाने पर चिंता जताते हुए कहा कि जो लोग इन लोगों को यकीन दिलाते हैं कि उन्हें आजादी मिल सकती है वो उन्हें बहका रहे हैं। जनरल रावत ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार को बुधवार (नौ मई) को दिए इंटरव्यू में कहा, "मैं ऐसे कश्मीरी नौजवानों को बता देना चाहता हूँ कि आजादी संभव नहीं है। ये कभी नहीं होगी। दूसरों के बहकावे में न आएं। आप लोग हथियार क्यों उठा रहे हैं? जो लोग आजादी की माँग करेंगे हम उनका मुकाबला करेंगे और ऐसा कभी नहीं होने देंगे। ऐसा कभी नहीं हो जा रहा।"
जनरल रावत ने कहा कि वो कश्मीरी उग्रवादियों की संख्या को ज्यादा तवज्जो नहीं देते। रावत ने कहा, "इन आंकड़ों मेरे लिए मायने नहीं रखते क्योंकि मुझे पता है कि ये चक्र चलने वाला है। नए उग्रवादियों की भर्ती हो रही है। मैं केवल इस बात पर जोर देना चाहता हूँ कि ये सब व्यर्थ की कवायद है क्योंकि इससे उन्हें कुछ नहीं मिलने वाला। आप सेना से नहीं लड़ सकते।" रावत ने कहा कि वो मुठभेड़ों से दुखी होते हैं लेकिन सेना के पास दूसरा विकल्प नहीं है।
जनरल रावत ने कहा, "हमें ये अच्छा नहीं लगता। लेकिन अगर आप हमसे लड़ना चाहते हैं तो हम आपको अपनी पूरी ताकत से जवाब देंगे। कश्मीरियों को समझना होगा कि सेना उतनी निर्दयता से नहीं पेश आती है। सीरिया और पाकिस्तान को देखिए, वो ऐसे हालत में टैंक का इस्तेमाल करते हैं और हवाई हमले करते हैं। हमारे सैनिक आम नागरिकों की जान बचाने की पूरी कोशिश करते हैं जबकि उन्हें काफी उकसाया जाता है।"
जनरल रावत ने कहा कि उन्हें इस बात का अहसास है कि कश्मीरी युवक सुरक्षाबलों से नाराज हैं लेकिन पत्थरबाजी इसका समाधान नहीं है। जनरल रावत ने कहा कि अगर कश्मीरी लोग चाहते हैं कि हथियार उठाने वाले नौजवान न मारे जाएं तो वो उनसे कहें कि वो हथियार छोड़ दें। जनरल रावत ने कहा कि जून 2016 तक कश्मीर के हालात ठीक थे लेकिन हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी बुरहान वानी की मौत के बाद से स्थिति बिगड़नी शुरू हुई। जनरल रावत ने कहा कि घाटी के कुछ नौजवान पाकिस्तान के बहकावे में आ गये हैं।
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