नयी दिल्ली, 25 जनवरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत के कदमों से दिखता है कि यह जलवायु हितैषी कार्यों के लिए प्रतिबद्ध है और यह न केवल पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करेगा बल्कि उससे आगे बढ़कर कार्य करेगा। मोदी ने कहा कि भारत न केवल पर्यावरण क्षति को रोकेगा बल्कि उसे ठीक भी करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत केवल नई क्षमताओं का निर्माण नहीं करेगा बल्कि वैश्विक अच्छाइयों का उन्हें वाहक बनाएगा।
ऑनलाइन आयोजित जलवायु अनुकूलन शिखर सम्मेलन में उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन में बदलाव के अनुकूल बनने के लिए हमारी जीवनशैली में बदलाव जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसी भावना से विश्व को आगे बढ़ना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत ने 2030 तक 450 गीगावाट अक्षय ऊर्जा सृजन का लक्ष्य रखा है और एलईडी बल्ब के इस्तेमाल से प्रति वर्ष 3.2 करोड़ टन कार्बन डाई ऑक्साईड उत्सर्जन कम हो रहा है।
उन्होंने कहा कि देश 2030 तक 2.6 लाख हेक्टेयर खराब जमीन को दुरूस्त करने जा रहा है और आठ करोड़ ग्रामीण घरों को स्वच्छ रसोई ईंधन मुहैया करा रहा है तथा 6.4 करोड़ घरों को पाइप से जलापूर्ति करने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत की पहल खुद तक सीमित नहीं है बल्कि अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन और ‘कॉलिशन फॉर डिजास्टर रिसिलेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर,’ वैश्विक जलवायु भागीदारी की ताकत को दिखाता है।
ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय जलवायु अनुकूलन शिखर सम्मेलन 2021 का आयोजन नीदरलैंड कर रहा है और इसमें वैश्विक नेता और स्थानीय भागीदार हिस्सा ले रहे हैं। दो दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत सोमवार को हुई।
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