कोरोना टीकाकरण के मामले में भारत सबसे आगे, पर वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभाव की जानकारी नहीं आ रही सामने

By हरीश गुप्ता | Published: March 18, 2021 08:24 AM2021-03-18T08:24:18+5:302021-03-18T08:24:18+5:30

भारत में कोरोना वैक्सीन का काम दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले सबसे तेजी से हो रहा है. हालांकि वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभाव को लेकर 26 फरवरी के बाद से कोई जानकारी सामने नहीं आई है.

India tops in coronavirus vaccination but no data available on adverse effects | कोरोना टीकाकरण के मामले में भारत सबसे आगे, पर वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभाव की जानकारी नहीं आ रही सामने

कोविड टीकाकरण में भारत शीर्ष पर, प्रतिकूल प्रभाव का कई हिसाब नहीं (फाइल फोटो)

Highlightsभारत में एक दिन में 30 लाख से अधिक लोगों का हो रहा है कोरोना टीकाकरणजून-जुलाई तक भारत में 30 करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लगाने का है लक्ष्यविशेषज्ञ टीका के प्रतिकूल प्रभाव की जानकारी सामने नहीं आने पर चिंतित, 26 फरवरी के बाद नहीं आई कोई आधिकारिक जानकारी

नई दिल्ली: कोविड-19 के खिलाफ संघर्ष को नया आयाम देते हुए भारत इसके टीकाकरण के मामले में दुनिया भर में सबसे आगे चल रहा है. जब भारत रिकॉर्ड चार करोड़ लोगों का टीकाकरण करने के करीब है और यह अभियान बहुत ही तेज गति से आगे बढ़ रहा है ,ऐसे में यह थोड़ा खटक रहा है कि सरकार वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में विस्तृत जानकारियां साझा नहीं कर रही है.

भारत अब एक दिन में 30 लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण कर रहा है .स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार लक्ष्य है कि प्रतिदिन 40 लाख टीकाकरण किया जाए ताकि जून-जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को टीका लगाया जा सके. सरकार 60 वर्ष और 45 वर्ष से अधिक के सभी लोगों के लिए टीकाकरण खोलने की इच्छुक है.

कोरोना टीका के प्रतिकूल प्रभाव पर 26 फरवरी के बाद कोई जानकारी नहीं

इन सब के बीच प्रतिरक्षाविज्ञानी और स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि सरकार ने 26 फरवरी के बाद से टीकाकरण के बाद के प्रतिकूल प्रभावों के मामलों के बारे में कोई जानकारियां साझा नहीं की हैं.

यूरोप में बैन के बाद खतरे की घंटी तकरीबन 12 यूरोपीय देशों द्वारा रक्त के थक्के और अन्य प्रभावों के कारण एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का अपने यहां उपयोग निलंबित करने के बाद भारत में खतरे की घंटी बज गई है.

चूंकि भारत में लगाई जा रही वैक्सीन कोविशील्ड ,एस्ट्राजेनेका की तकनीक और सीड से बनी है , इसलिए यहां के विशेषज्ञों में कुछ चिंताएं होना स्वाभाविक है.उन्हें आश्चर्य है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय 26 फरवरी के बाद से टीकाकरण बाद के प्रतिकूल प्रभावों के बारे मेंआंकड़ों को साझा नहीं कर रहा है.

इस बीच 70 मौतों और 200 से अधिक प्रतिकूल प्रभावों की खबरें हैं. इनमें से लगभग 90 लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की भी जानकारी सामने आई है लेकिन इस संबंध में स्वास्थ्य अधिकारियों और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा किए गए विश्लेषण के आज तक कोई प्रामाणिक आंकड़े उपलब्ध नहीं कराए गए हैं.

'कोरोना का टीका पूरी तरह सुरक्षित है'  

सरकार ने बार-बार जोर देकर कहा है कि टीके सुरिक्षत हैं और कोई भी प्रतिकूल प्रभाव ऐसा नहीं पाया गया जिसका संबंध टीकाकरण से हो. आईसीएमआर द्वारा गठित नेशनल टास्क फोर्स के एक सदस्य डॉॅ. एन के अरोड़ा ने कहा 'हम कोविशील्ड और कोवैक्सीन के लिए टीकाकरण के बाद की सभी प्रतिकूल घटनाओं पर करीबी नजर रख रहे हैं. अगर चिंता का कोई कारण होगा तो इसका विश्लेषण उपलब्ध होने पर इसकी जानकारी साझा की जाएगी'.

Web Title: India tops in coronavirus vaccination but no data available on adverse effects

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे