भारत और नेपाल के बीच पिछले महीने सीमा और नक्शे को लेकर हुआ विवाद खत्म होता दिख रहा है। सोमवार को भारत और नेपाल के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया, जिसके तहत भारत नेपाल के 7 जिलों में 56 हायर सेकेंड्री स्कूलों का पुननिर्माण करेगा। बता दें कि पिछले महीने नेपाल ने भारत के लिपुलेख दर्रे पर बनाई गई सड़क विरोध किया था और अपने नए नक्शे में भारत के हिस्सों को नेपाल में दिखाया था।
नेपाल में भारतीय मिशन ने बताया, "भारत, नेपाल के 7 जिलों में स्कूलों के पुनर्निर्माण करेगा, इस संबंध में आज (सोमवार) एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। समझौते के अनुसार कुल 56 उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों का पुनर्निर्माण किया जाएगा।"
क्या था भारत और नेपाल के बीच विवाद
नेपाल और भारत के बीच हालिया विवाद तब बढ़ना शुरू हुआ जब भारत ने 8 मई को लिपुलेख से होकर कैलाश मानसरोवर जाने वाले लिंक रोड का उद्घाटन किया। इस सड़क का नेपाल सरकार ने विरोध किया था। इस विवाद में तेजी तब आई जब नेपाल ने 20 मई को अपना नक्शा तैयार किया। इस विवादित नक्शे में नेपाल ने कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख को अपना हिस्सा बताया।
नेपाल के इस नक्शे पर भारत ने आपत्ति जताते हुए कहा है "नेपाल का ने नक्शा ऐतिहासिक तथ्यों और सबूतों पर आधारित नहीं हैं।" पिछले महीने भारत की ओर से कहा गया था कि कोविड-19 से उबर जाने के बाद विदेश सचिव हर्षवर्धन सिंगला और नेपाली विदेश सचिव शंकर बैरागी इस मुद्दे पर बात करेंगे।
हालांकि नक्शे को लेकर विवाद में नेपाल पीछे हट गया। दरअसल, इस नक्शे पर संविधान संशोधन का प्रस्ताव नेपाल की संसद में 27 मई को रखा जाना था, लेकिन ऐन मौके पर इसे वापस ले लिया गया। इतना ही नहीं इस पूरे प्रस्ताव को ही संसद की कार्यसूची से हटा दिया गया।