नई दिल्ली, 24 जून: पाकिस्तान में नियुक्त भारतीय राजदूत अजय बिसारिया को शनिवार (23 जून) को पंजाब साहिब गुरुद्वारा में जाने से रोक दिया गया था। जिसके बाद भारत ने इस पर कड़ा विरोध जताते हुए पाकिस्तान के उप-उच्चायुक्त को तलब किया है। भारतीय राजदूत अजय बिसारिया ने इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा है- 'मुझे पंजाब साहिब गुरुद्वार में भारत से आए श्रद्धालुओं से मिलने नहीं दिया गया था। जबकि ये एक उच्चायुक्त होने के नाते ये मेरा कर्तव्य था। इस मुद्दों को बड़े स्तर पर उठाया गया है। हमें उम्मीद है कि ऐसी चीजें फिर से नहीं दोहराई जाएंगी।'
उन्होंने आगे कहा- 'ये बहुत अच्छा है। मुझे दोनों देशों के बीच चीजों के ठीक होने की बड़ी उम्मीद है। दोनों देशों के संबंधों को बढ़ाने और आगे बढ़ने के लिए हमें सकारात्मकता और सामन्य स्थिति की ओर बढ़ना होगा।'
गौरतलब है कि अजय बिसारिया के पास गुरुद्वारा में जाने की जरूरी परमिशन होने के बावजूद भी पाकिस्तान में उन्हें गुरुद्वारा में भारतीय श्रद्धालुओं से मिलने से रोक दिया गया था। अजय बिसारिया को पिछले साल नवंबर में पाकिस्तान का उच्चायुक्त नियुक्त किया गया था। अजय को आईएफएस अधिकारी गौतम बंबावले की जगह नियुक्त किया गया था। इससे पहले साल 1988-91 में अजय मॉस्को दूतवास में तैनात थे। वहां पर वो दूतवास की आर्थिक और राजनीतिक विभाग से जुड़े थे। फिर साल 1999-2004 के बीच बिसारिया को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निजी सचिव के रूप में कार्यरत किया गया था। 2015 के जनवरी से वो पोलैंड में भारतीय राजदूत के रूप में कार्यरत थे।
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