कोविड-19 से निपटने के लिए भारत ने महत्वपूर्ण वैज्ञानिक क्षमता दिखाई: हर्षवर्धन

By भाषा | Published: November 24, 2020 07:49 PM2020-11-24T19:49:37+5:302020-11-24T19:49:37+5:30

India showed significant scientific capability to tackle Kovid-19: Harshvardhan | कोविड-19 से निपटने के लिए भारत ने महत्वपूर्ण वैज्ञानिक क्षमता दिखाई: हर्षवर्धन

कोविड-19 से निपटने के लिए भारत ने महत्वपूर्ण वैज्ञानिक क्षमता दिखाई: हर्षवर्धन

नयी दिल्ली, 24 नवंबर केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने मंगलवार को कहा कि देश में बन रहे टीकों से लेकर जांच की नयी तकनीकों और उपचारात्मक पद्धतियों तक भारत ने कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने में अपनी महत्वपूर्ण वैज्ञानिक क्षमता का पूरा इस्तेमाल किया है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने पहले ऑनलाइन शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) युवा वैज्ञानिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी एक परीक्षा है जो दर्शाती है कि इस प्रकार की वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए बहुपक्षीय सहयोग अहम है।

हर्षवर्धन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री भी हैं।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण सबसे बड़ी वैश्विक चुनौती के रूप में सामने आया है, जिससे निपटने के लिए रणनीति तैयार कर सामूहिक वैश्विक प्रयास करने की आवश्यकता है और इसमें युवा वैज्ञानिकों ने अहम भूमिका निभाई है।

हर्षवर्धन ने भारत के उठाए कदमों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘भारत ने अपनी महत्वपूर्ण वैज्ञानिक क्षमता का पूरा इस्तेमाल किया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र में भारतीय शोध संस्थानों ने वैश्विक महामारी से निपटने के प्रभावी तरीके विकसित करने के लिए स्वदेशी टीके बनाने, घर जाकर जांच करने की नयी तरह की तकनीकों और पारम्परिक ज्ञान पर आधारित उपचारात्मक पद्धतियों से लेकर अनुसंधान संसाधनों को स्थापित करने तक अथक कार्य किया।’’

हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार के सहयोग से 100 से अधिक स्टार्ट अप ने कोविड-19 से निपटने के लिए नवोन्मेषी उत्पाद और समाधान मुहैया कराए हैं।

उन्होंने कहा कि करीब 30 टीके विकास के विभिन्न चरणों में हैं।

हर्षवर्धन ने बताया कि इनमें से दो टीके-आईसीएमआर-भारत बॉयोटेक के सहयोग से विकसित कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का कोविशील्ड टीका- सबसे उन्नत चरण में हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘दोनों क्लीनिकल परीक्षण के तीसरे चरण में हैं। हमारा प्रमुख संस्थान भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद परीक्षण करने की प्रक्रिया में शामिल है। भारत टीके के सभी मुख्य दावेदारों के लिए भी क्लीनिक परीक्षण कर रहा है।’’

उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित टीकों के लिए परीक्षण कर रहे विश्व के सबसे बड़े टीका निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का जिक्र करते हुए यह बात की।

हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘हमारी फार्मा दिग्गज कंपनियों में शामिल डॉ. रेड्डी लेबोरेट्रीज कंपनी मनुष्यों पर अंतिम चरण के परीक्षण और नियामक की मंजूरी मिलने के बाद भारत में रूसी टीका वितरित करेगी।’’

उन्होंने कहा कि भारत ने एससीओ देशों में पारम्परिक एवं प्राचीन चिकित्सा के ज्ञान के प्रसार के लिए पारम्परिक दवाओं पर एक कार्य समूह का प्रस्ताव भी रखा है ताकि यह समकालीन चिकित्सा में प्रगति का पूरक बन सके।

भारत पहली बार एससीओ युवा वैज्ञानिक सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।

हर्षवर्धन ने कहा कि भारत के एससीओ देशों के साथ निकट सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक संबंध हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इस महामारी ने हमें सिखाया है कि आज दुनिया विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवोन्मेष पर निर्भर है। इसने इसके परिदृश्य में बदलाव की आवश्यकता को रेखांकित किया है।

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