नई दिल्ली: भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक विश्लेषण का हवाला देते हुए दो मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि भारत ने औसतन 1901 के बाद से अपना सबसे गर्म मार्च दर्ज किया, जिसमें अधिकतम तापमान सामान्य से 1.86 डिग्री सेल्सियस अधिक था। रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में औसत वर्षा भी महीने के दौरान अपने दीर्घावधि औसत (एलपीए) से 71% कम पाई गई।
रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि जहां औसत अधिकतम 33.10 डिग्री सेल्सियस (जो सामान्य से 1.86 डिग्री सेल्सियस अधिक था) पर देखा गया तो वहीं औसत न्यूनतम तापमान 20.24 डिग्री सेल्सियस 1.37 डिग्री सेल्सियस के अंतर के साथ तीसरा सबसे अधिक था। 1901 के बाद से औसत तापमान 1.61 डिग्री सेल्सियस विसंगति के साथ दूसरा सबसे अधिक था। रिपोर्ट के अनुसार, 1981-2010 के आधार पर सामान्य 31.24 डिग्री सेल्सियस, 18.87 डिग्री सेल्सियस और 25.06 डिग्री सेल्सियस के विरुद्ध हैं।
उत्तर-पश्चिम क्षेत्र ने अपना उच्चतम औसत अधिकतम (सामान्य से 3.91 डिग्री सेल्सियस ऊपर) दर्ज किया, मध्य में 1.62 डिग्री सेल्सियस अंतर के साथ यह दूसरा सबसे गर्म मार्च दर्ज किया गया। इस बीच दक्षिण प्रायद्वीपीय क्षेत्र में औसत तापमान 1901 के बाद से 0.59 डिग्री सेल्सियस की विसंगति के साथ चौथा उच्चतम देखा गया। देश में मार्च महीने में औसतन 8.9 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो कि इसके दीर्घावधि औसत (एलपीए) 30.4 मिमी से 71% कम है। 1909 (7.2 मिमी) और 1908 (8.7 मिमी) के बाद पिछले महीने 1901 के बाद तीसरी सबसे कम बारिश हुई थी।