भारत की सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर की पहल की है। इस पहल की सफलता के रूप में पहला अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) शिखर सम्मेलन का आयोजन राष्ट्रपति भवन में किया जा रहा है। भारत और फ्रांस की सह-मेजबानी में होने वाले इस अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन शिखर सम्मेलन में 23 देशों के राष्ट्राध्यक्ष और कई देशों के 10 मंत्री स्तरीय प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इसकी शुरुआत पेरिस में 30 नवंबर, 2015 में हुई थी जब संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति ने संयुक्त रूप से की थी।
भारत का आईएसए की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान है। भारत ने ही आईएसए के लिए पहल की थी, साथ ही 175 करोड़ रुपए का शुरुआती योगदान भी दिया था। खबर के अनुसार इस पहले अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन शिखर सम्मेलन की सह-मेजबानी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों मिलकर करेंगे। वहीं, इस सम्मेलन में विश्व में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय तंत्र, क्राउड फंडिंग और टेक्नॉलजी ट्रांसफर पर चर्चा-परिचर्चा होगी। इतना ही नहीं सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत कर उन्हें आगे विस्तार देने की योजनाएं भी बनाई जाएंगी।
ये देश शामिल
भारत अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन शिखर सम्मेलन के लिए विदेशी मेहमान नई दिल्ली आएंगे।इसमें फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, कोमोरोस, क्यूबा, फिजी, गिनी, घाना, मलावी, माली, मॉरीशस, नॉरू, नाइजर, पेरू, सेशेल्स, सोमालिया, दक्षिण सूडान और तुवालु शामिल होंगे. अब तक ऑस्ट्रेलिया, गिनी, तुवालु, डीआर कांगो, गैबॉन, गांबिया, मेडागास्कर, मलावी, मॉरीशस के राष्ट्राध्यक्ष भारत आए हैं। इनके साथ ही कई वैश्विक बैंकर भी सम्मेलन में भागीदारी निभाऐंगे।