भारत शांति का ‘पुजारी’ लेकिन किसी भी आक्रामकता का जवाब देने में सक्षम है : राजनाथ

By भाषा | Published: June 17, 2021 05:06 PM2021-06-17T17:06:48+5:302021-06-17T17:06:48+5:30

India 'priest' of peace but capable of responding to any aggression: Rajnath | भारत शांति का ‘पुजारी’ लेकिन किसी भी आक्रामकता का जवाब देने में सक्षम है : राजनाथ

भारत शांति का ‘पुजारी’ लेकिन किसी भी आक्रामकता का जवाब देने में सक्षम है : राजनाथ

किमीन (अरूणाचल प्रदेश), 17 जून रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत वैश्विक शांति का ‘‘पुजारी’’ है, लेकिन यह आक्रामक कार्रवाइयों का करारा जवाब देने में भी सक्षम है। उनके इस बयान को चीन को दिए गए परोक्ष संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

उन्होंने यहां 12 सामरिक सड़कों को राष्ट्र को समर्पित करते हुए कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं धैर्य में किसी भी तरह की गंभीर गड़बड़ी के घातक परिणाम होंगे।

सिंह ने कहा, ‘‘हम दुनिया में शांति चाहते हैं लेकिन अगर कोई आक्रामक रवैया दिखाता है तो हम जवाब देंगे। नई सड़कों को अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को सुरक्षित करने में मदद मिलेगी।’’

लद्दाख के गलवान घाटी में एक वर्ष पहले भारत और चीन की सेनाओं के बीच झड़प के बाद हॉट स्प्रिंग और गोगरा पोस्ट पर चीन के बने रहने के परिप्रेक्ष्य में सिंह ने ये बयान दिए हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘पिछले वर्ष गलवान घाटी में हमारे सैनिकों ने अद्भुत साहस दिखाया। देश के लिए लड़ते हुए शहीद होने वाले सैनिकों को मैं सलाम करता हूं।’’

चीन भी अरूणाचल प्रदेश के अधिकतर हिस्सों पर अपना दावा करता है और अपने नक्शे में इसे ‘दक्षिण तिब्बत’ बताता है। पिछले वर्ष सितंबर में अरूणाचल के पांच युवकों का चीन के सैनिकों ने सेरा-7 इलाके से अपहरण कर लिया। कई दिनों तक उन्हें हिरासत में रखने के बाद राज्य की राजधानी से करीब 800 कलोमीटर दूर अंजाव जिले में उन्हें रिहा किया गया।

भारत-चीन के मध्य सीमा तनाव जारी रहने के बीच मोदी सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों में ढांचा निर्माण में तेजी लाने का फैसला किया है, खासकर सीमावर्ती राज्यों के अग्रणी क्षेत्रों में।

सिंह ने कहा कि 12 सामरिक मार्गों में से दस अरूणाचल प्रदेश में हैं और एक-एक मार्ग लद्दाख और जम्मू- कश्मीर में है, जिनसे न केवल संपर्क को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पास सुरक्षा बल तेजी से आवाजाही कर सकेंगे।

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘पहाड़ी एवं दुर्गम इलाकों में चुनौतियों के बावजूद विश्वस्तरीय सड़कों के निर्माण में सीमा सड़क संगठन की क्षमता ‘आत्मनिर्भर भारत’ के मंत्र को दर्शाती है।’’

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘2013 के बाद बीआरओ के लिए बजट में कई गुना बढ़ोतरी हुई है और वर्तमान में यह 11 हजार करोड़ रुपये है। 2014 के बाद बीआरओ ने देश में रिकॉर्ड 4800 किलोमीटर सीमा सड़कों का विकास किया है।’’

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में देश के रक्षा क्षेत्र में काफी बदलाव आए हैं जिनमें पहली बार प्रमुख रक्षा अध्यक्ष की नियुक्ति भी शामिल है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा विजन अपने हथियारों का निर्माण करना और जरूरत पड़ने पर दूसरे देशों को उनका निर्यात करना है।’’

रक्षा मंत्री ने दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार के समय में पूर्वोत्तर भारत में विकास कार्यों में तेजी आई है।

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