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भारत ने कारगिल युद्ध के वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की

By भाषा | Updated: July 26, 2021 20:08 IST

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द्रास/नयी दिल्ली, 26 जुलाई कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित पूरे देश ने युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति ने कहा कि 1999 के युद्ध में शहीदों ने अदम्य साहस, वीरता और असाधारण बलिदान का परिचय दिया, वहीं प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी बहादुरी हमारे लिए प्रतिदिन प्रेरणादायक है।

जम्मू कश्मीर के बारामूला जिले में डैगर युद्ध स्मारक पहुंचे कोविंद ने कहा कि यह स्मारक देश की रक्षा और सुरक्षा के लिए प्राण न्योछावर करने वाले सैनिकों के प्रति असीम सम्मान का प्रतीक है। कोविंद का कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए सोमवार को लद्दाख के द्रास में युद्ध स्मारक जाने का कार्यक्रम था लेकिन खराब मौसम के चलते उनका यह दौरा रद्द कर दिया गया। उन्होंने बारामूला में कारगिल विजय दिवस के मौके पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

राष्ट्रपति ने डैगर युद्ध स्मारक में आगंतुक पुस्तिका में अपने संदेश में कहा,‘‘ देश 19वीं इन्फैन्ट्री डिवीजन के सैनिकों और अधिकारियों को सलाम करता है, जो हमारे अग्रिम मोर्चे के सैनिकों के तौर पर विपरीत मौसमी स्थितियों में हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं। उन्होंने अदम्य साहस, वीरता और बलिदान का परिचय दिया।’’

उन्होंने लिखा,‘‘ डैगर युद्ध स्मारक देश की रक्षा और सुरक्षा के लिए प्राण न्योछावर करने वाले सैनिकों के प्रति असीम सम्मान का प्रतीक है। मुझे विश्वास है कि यह स्मारक भारत के लोगों को भारतीय सेना के उच्च मूल्यों के बारे में शिक्षा देगा और उन्हें प्रेरणा देगा। जय हिंद!’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोमवार को कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ पर पाकिस्तान के साथ हुए इस युद्ध के शहीदों को याद किया और कहा कि उनकी बहादुरी हर दिन देशवासियों को प्रेरित करती है।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हम उनके बलिदान को याद करते हैं। हम उनकी बहादुरी को याद करते हैं। आज कारगिल विजय दिवस के अवसर पर हम उन सभी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने देश की रक्षा करते हुए कारगिल में अपने आप को न्योछावर कर दिया। उनकी बहादुरी हमें हर दिन प्रेरणा देती है।’’

कारगिल विजय दिवस 1999 के कारगिल युद्ध में 'ऑपरेशन विजय' के तहत भारत की पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत के उपलक्ष में मनाया जाता है।

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सोमवार को कारगिल विजय दिवस पर 1999 में हुए युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आज कारगिल विजय दिवस पर उस विजय अभियान में वीरगति प्राप्त करने वाले अमर शहीद सैनिकों के प्रति कृतज्ञ श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। विजय अभियान में भाग लेने वाले वीर सैनिकों और उनके परिवारों के अदम्य शौर्य और धैर्य को देश के इतिहास में सदैव गर्व से याद किया जाएगा।’’

इस बीच, विभिन्न दलों के नेताओं, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों आदि ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर देश के कई हिस्सों में समारोह आयोजित किए गए।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि वीर जवानों के अदम्य साहस, वीरता और बलिदान के दम पर दुर्गम पहाड़ियों पर फिर से तिरंगा फहराया गया। शाह ने ट्वीट किया, ''कारगिल विजय दिवस पर इस युद्ध के सभी वीर सेनानियों का स्मरण करता हूं। आपके अदम्य साहस, वीरता और बलिदान से ही कारगिल की दुर्गम पहाड़ियों पर तिरंगा पुनः गर्व से लहराया।'' रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नयी दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहहुल गांधी ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया, '' हमारे तिरंगे की गरिमा के लिए अपनी जान देने वाले प्रत्येक सेनानी को दिल से श्रद्धांजलि। देश की सुरक्षा के लिए आपके व आपके परिवारों के इस सर्वोच्च बलिदान को हम हमेशा याद करेंगे। जय हिंद।''

पाकिस्तान के खिलाफ 1999 में कारगिल युद्ध में अपना जीवन बलिदान करने वाले सैनिकों को सेना ने लद्दाख के द्रास सेक्टर में स्थित युद्ध स्मारक पर जाकर सोमवार को श्रद्धांजलि दी।

श्रीनगर के जन संपर्क अधिकारी (रक्षा) कर्नल एमरॉन मुसावी ने बताया कि द्रास स्थित युद्ध स्मारक पर कारगिल विजय दिवस की 22 वीं वर्षगांठ पर एक समारोह का आयोजन किया गया था। लद्दाख के उप राज्यपाल आर के माथुर ने इस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया। उन्होंने स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित किये और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। रक्षा प्रवक्ता मुसावी ने बताया कि इस साल यह संयोग है कि कारगिल विजय दिवस के मौके पर ‘स्वर्णिम विजय वर्ष विजय ज्वाला’ कारगिल युद्ध स्मारक पहुंच रहा है। विजय ज्वाला की यात्रा 1971 में पाकिस्तान के साथ हुये युद्ध में भारत की जीत के 50 साल पूरा होने की याद दिलाती है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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