भारत को अंतरिक्ष संपत्तियों की सुरक्षा में अपनी क्षमता को बढ़ाना होगा : डोभाल

By भाषा | Published: October 11, 2021 01:46 PM2021-10-11T13:46:48+5:302021-10-11T13:46:48+5:30

India must enhance its capability to protect space assets: Doval | भारत को अंतरिक्ष संपत्तियों की सुरक्षा में अपनी क्षमता को बढ़ाना होगा : डोभाल

भारत को अंतरिक्ष संपत्तियों की सुरक्षा में अपनी क्षमता को बढ़ाना होगा : डोभाल

नयी दिल्ली, 11 अक्टूबर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने सोमवार को कहा कि भारत को अपने व्यावसायिक रूप से उपलब्ध स्वदेशी उपग्रह संचार समाधान, भौगोलिक क्षेत्रों में निगरानी क्षमताओं और अंतरिक्ष संपत्तियों की सुरक्षा को लेकर अपनी क्षमता बढ़ानी होगी।

उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष संघ के शुरू होने पर आयोजित समारोह को संबोधित किया। भारतीय अंतरिक्ष संघ, एक अंतरिक्ष क्षेत्र उद्योग निकाय है, जिसमें भारती एयरटेल, लार्सन एंड टुब्रो, अग्निकुल, ध्रुव स्पेस और कावा स्पेस जैसी कंपनियां शामिल हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आर्थिक विकास और प्रौद्योगिकी विकास राष्ट्रीय शक्ति के सबसे महत्वपूर्ण तत्व हैं। ऐसे वातावरण में राष्ट्रीय सरकारें अब राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास के लिए नीतियां विकसित करने में एकमात्र हितधारक नहीं हो सकती हैं।’’ डोभाल ने कहा कि निजी क्षेत्र राष्ट्र निर्माण में बराबर का हिस्सेदार है।

डोभाल ने कहा, ‘‘अब तक अंतरिक्ष जैसे विशेष क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र का वर्चस्व था, इसलिए यह चक्र चलता रहे यह सुनिश्चित करने के लिए इसके द्वार निजी क्षेत्र के लिए खोलने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी निवेश से उच्च तकनीक वाली नौकरियां पैदा होंगी, प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की सुविधा होगी और संयुक्त उद्यमों के माध्यम से विदेशी भागीदारों की भागीदारी सुनिश्चित होगी।’’

डोभाल ने कहा कि ये कदम भारत को अंतरिक्ष संपत्तियों का विनिर्माण केंद्र बना देंगे। उन्होंने कहा कि एक मजबूत निजी क्षेत्र का उद्योग भी बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने में योगदान देगा।

डोभाल ने कहा, ‘‘भारत को व्यावसायिक रूप से उपलब्ध स्वदेशी उपग्रह संचार समाधान, भविष्य की प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान और विकास, भौगोलिक क्षेत्रों में निगरानी क्षमताओं और अंतरिक्ष संपत्तियों की सुरक्षा जैसे कई क्षेत्रों में अपनी क्षमता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।’’ उन्होंने कहा कि सुरक्षा, रक्षा और कानूनी दायित्व के मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक उपयुक्त नियामक वातावरण बनाना इस प्रयास का केंद्र होगा।

एनएसए ने कहा कि निजी क्षेत्र ने अहम प्रौद्योगिकियों के विकास में तेजी से प्रगति की है। उन्होंने कहा, ‘‘इनमें से कई प्रौद्योगिकियां दोहरे उपयोग वाली हैं जिन्होंने दिशा सूचक प्रणाली, रिमोट सेंसिंग, मौसम निगरानी, कृषि, उपग्रह संचार और ब्रॉडबैंड इंटरनेट सहित कई क्षेत्रों में गतिविधियों में क्रांतिकारी बदलाव किया है।’’

एनएसए ने कहा कि कुछ अनुमानों के अनुसार, वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग तेजी से आगे की दिशा में बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘उपयुक्त नीति और विनियमों के साथ भारतीय निजी क्षेत्र भारत की अंतरिक्ष यात्रा पर सह-यात्री बन सकता है।’’

एनएसए ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने उच्च गुणवत्ता वाले आपूर्तिकर्ताओं का एक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए अपने उत्कृष्ट कार्य से भारत को एक ठोस आधार प्रदान किया है, जिस पर अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को आगे बढ़ाया जा सकता है।

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