भारत को दुनिया में अपने सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम पर गर्व है :मोदी
By भाषा | Updated: August 15, 2021 17:02 IST2021-08-15T17:02:37+5:302021-08-15T17:02:37+5:30

भारत को दुनिया में अपने सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम पर गर्व है :मोदी
नयी दिल्ली, 15 अगस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत को दुनिया में अपने सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम पर गर्व है और 54 करोड़ से अधिक लोग पहले ही कोविड-19 के टीके लगवा चुके हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कोविड-19 महामारी के खिलाफ देश की जंग का जिक्र किया और वैज्ञानिकों, चिकित्सकों, पाराचिकित्सा कर्मियों आदि की सराहना ही।
उन्होंने देश में टीका निर्माण से जुड़े लोगों की भी प्रशंसा की और कहा कि उनके प्रयासों के कारण भारत को टीकों के लिये दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ा।
उन्होंने कहा, “हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा है। देश में 54 करोड़ से अधिक लोग पहले ही टीके लगवा चुके हैं।”
मोदी ने कहा कि अगर भारत ने अपना खुद का टीका विकसित नहीं किया होता, तो बाहर से होने वाली उसकी आपूर्ति अनिश्चित रहती।
मोदी ने कहा, “हमारे देश के सामने और विश्व में पूरी मानव जाति के समक्ष कोरोना का ये कालखंड बहुत बड़ी चुनौती के रूप में आया है।”
मोदी ने कहा, “भारतवासियों ने बहुत संयम, बहुत धैर्य, इसके साथ इस लड़ाई को लड़ा भी है। इस लड़ाई में हमारे सामने अनेक चुनौतियां थीं। लेकिन हर क्षेत्र में हम देशवासियों ने असाधारण गति से काम किया है। यह हमारे वैज्ञानिकों और हमारे उद्यमियों के सामर्थ्य का ही नतीजा है कि आज हमें टीकों के लिये किसी और देश के सामने निर्भर होने की जरूरत नहीं है।”
उन्होंने कहा, “पलभर के लिये सोचिए अगर भारत के पास अपनी वैक्सीन नहीं होती तो क्या होता? हमें पोलियो की वैक्सीन पाने में कई साल का वक्त लग गया। इतने बड़े संकट के समय जब पूरी दुनिया में महामारी फैली हो, हमें टीका कैसे प्राप्त होता? भारत को टीका मिलता या नहीं मिलता और अगर उसे टीका मिलता भी तो इस बात की कोई निश्चितता नहीं थी कि समय पर मिल पाता या नहीं।”
मोदी ने कहा, “यह हमारे लिए गर्व का मौका है क्योंकि हमारे वैज्ञानिकों के कारण हम भारत में दो कोविड-19 रोधी टीकों का निर्माण कर पाए और दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविन जैसी ऑनलाइन प्रणाली और डिजिटल सर्टिफिकेट देने की व्यवस्था आज दुनिया का ध्यान आकर्षित कर रही है। उन्होंने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम भारत की आजादी के 100 साल पूरे होने तक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के अपने लक्ष्य को पूरा कर लें।’’ मोदी ने कहा कि यह सच है कि अन्य देशों की तुलना में भारत में कम लोग संक्रमित हुए हैं। ये भी सही है कि दुनिया की देशों की जनसंख्या की तुलना में भारत में हम अधिकतम मात्रा में हमारे नागरिकों को बचा सके, लेकिन ये हमारे लिए पीठ थपथपाने का विषय नहीं है।
मोदी ने कहा, “यह संतोष पाकर के सो जाने का विषय नहीं है। ये कहना कि कोई चुनौती नहीं थी, ये हमारे अपने विकास के रास्तों को बंद करने वाली सोच बन जाएगी।”
उन्होंने कहा, “दुनिया के समृद्ध देशों की तुलना में हमारी व्यवस्थाएं कम हैं, विश्व के समृद्ध देशों के पास जो हैं वो हमारे पास नहीं है…और हमारी जनसंख्या भी काफी ज्यादा है तथा जीवनशैली भी अलग है।” उन्होंने कहा, “अपने सभी प्रयासों के बावजूद हम कोविड-19 के खिलाफ जंग में बहुत से लोगों को बचा नहीं पाए। कई बच्चे अनाथ हो गए। यह असहनीय पीड़ा हमेशा हमेशा साथ रहने वाली है।”
उन्होंने वैज्ञानिकों, चिकित्सकों, पाराचिकित्सा कर्मियों की कोविड-19 महामारी के खिलाफ जंग में उनकी भूमिका के लिये सराहना की। उन्होंने कहा, “कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान हमारे चिकित्सक, नर्सें, पाराचिकित्सा कर्मी, टीका बनाने में लगे वैज्ञानिक, सफाई कर्मचारी तथा सार्वजनिक सेवा में जुटे लोग वंदन के अधिकारी हैं।
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