लद्दाख में दुनिया का सबसे ऊंचा एयबेस बना रहा है भारत, राजनाथ सिंह ने रखा नींव का पत्थर, चीन को मिलेगा करारा जवाब

By सुरेश एस डुग्गर | Published: September 12, 2023 04:25 PM2023-09-12T16:25:35+5:302023-09-12T16:26:47+5:30

ये दुनिया का सबसे ऊंचा एयरबेस होगा। यहां होने का मतलब वो सामरिक मजबूती है जिसकी चीन के खिलाफ भारत को ज़रूरत थी। अभी फुकचे, दौलत बेग ओल्डी और न्योमा में एडवांस लैंडिंग ग्राउंड हैं, जहां सिर्फ ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ही उड़ान भर सकते हैं।

India is building the world's highest Ayabase in Ladakh Rajnath Singh laid the foundation stone | लद्दाख में दुनिया का सबसे ऊंचा एयबेस बना रहा है भारत, राजनाथ सिंह ने रखा नींव का पत्थर, चीन को मिलेगा करारा जवाब

लद्दाख में दुनिया के सबसे ऊंचे एयरबेस न्योमा का निर्माण कर रहा है भारत

Highlightsलद्दाख में दुनिया के सबसे ऊंचे एयरबेस न्योमा का निर्माण कर रहा है भारतरक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रखा नींव का पत्थरनए फाइटर एयरबेस पर क़रीब 218 करोड़ की लागत आएगी

जम्मू: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा वर्चुअली लद्दाख में दुनिया के सबसे ऊंचे एयरबेस न्योमा के नींव का पत्थर रखने के बाद चीन की त्यौरियां चढ़ गई हैं। रक्षा विशेषज्ञों को आशंका है कि भारत सरकार के इस फैसले के बाद चीन सीमा पर तनातनी का माहौल और बढ़ेगा। राजनाथ सिंह ने जम्मू में आज वर्चुअली इस एयरबेस की नींव पत्थर रखा था। सरकार ने यह घोषणा की है कि चीन के साथ एलएसी पर चल रही तनातनी को देखते हुए, इसका निर्माण सीमा सड़क संगठन यानी बीआरओ करेगा।

दरअसल पिछले कुछ अरसे से भारत पूर्वी लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ), फुकचे और न्योमा सहित कई एयरबेस बनाने के विकल्पों पर विचार कर रहा था, जो चीन के साथ एलएसी से कुछ ही मिनटों की दूरी पर हैं। न्योमा एएलजी से अपाचे हेलीकाप्टरों, चिनूक हेवी-लिफ्ट हेलीकाप्टरों और एमआई -17 हेलीकाप्टरों से गरुड़ स्पेशल फोर्स का संचालन चीनी सेना द्वारा घुसपैठ के बाद से किया जा रहा है। दरअसल एलएसी के निकट होने के कारण न्योमा एएलजी का सामरिक महत्व है। यह लेह हवाई क्षेत्र और एलएसी के बीच महत्वपूर्ण अंतर को पाटता है, जिससे पूर्वी लद्दाख में जवानों और सामग्री की त्वरित आवाजाही को सक्षम बनाता है, जिससे इलाके की कठिनाईयों को पार किया जा सके।

न्योमा 13 हजार 700 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इसकी कुल लागत 218 करोड़ रुपए आने जा रही है। यह हवाईक्षेत्र तैयार होने के बाद यहां से भारतीय वायु सेना के लड़ाकू जहान चीन का मुकाबला करने के लिए हमेशा चुस्त और तैयार रहेंगे। चीन की आंख में आंख डालकर उसकी नश्तर तक उतरने के लिए न्योमा का यह एयरबेस काफी होगा। न्योमा के इस एयबेस से भारतीय वायुसेना को रणनीतिक तौर काफी फायदा होगा। इस एयरफील्ड की खासियत ये है कि चीन यहां से सिर्फ 35 किलोमीटर दूर है। अगले तीन साल के भीतर यहां वायुसेना का एयरबेस  तैयार होगा।

इस नए फाइटर एयरबेस पर क़रीब 218 करोड़ की लागत आएगी। ये दुनिया का सबसे ऊंचा एयरबेस होगा। यहां होने का मतलब वो सामरिक मजबूती है जिसकी चीन के खिलाफ भारत को ज़रूरत थी। अभी फुकचे, दौलत बेग ओल्डी और न्योमा में एडवांस लैंडिंग ग्राउंड हैं, जहां सिर्फ ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ही उड़ान भर सकते हैं। अब न्योमा में फाइटर बेस बनने से वायुसेना की बढ़ी हुई ताक़त का एक और पैमाना होगा।

यह लद्दाख का तीसरा फाइटर एयरबेस होने जा रहा है। फिलहाल लद्दाख में लेह और परतापुर में दो फाइटर एयरफील्ड हैं, जहां से फाइटर आपरेशन होते हैं। बीते तीन साल से खास कर चीन से जो टकराव चल रहा है, उसमें इस एयरबेस का बनना काफी अहम बात है। इसकी तैयारी भर से बातचीत की मेज पर भारत का दावा कुछ और मज़बूत हो जाएगा। योजना के अनुसार, नए हवाई क्षेत्र और सैन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण सीमा सड़क संगठन द्वारा किया जाएगा। इस क्षेत्र से लड़ाकू विमानों के संचालन की क्षमता से वायु सेना की विरोधियों द्वारा किसी भी दुस्साहस से तेजी से निपटने की क्षमता मजबूत होगी।

Web Title: India is building the world's highest Ayabase in Ladakh Rajnath Singh laid the foundation stone

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