डिजिटल बुनियादी ढांचा मजबूत बनाने के कारण भारत कोरोना के प्रतिकूल प्रभावों को कम कर सका: कोविंद

By भाषा | Published: December 30, 2020 02:32 PM2020-12-30T14:32:04+5:302020-12-30T14:32:04+5:30

India could mitigate the adverse effects of Corona due to strengthening digital infrastructure: Kovind | डिजिटल बुनियादी ढांचा मजबूत बनाने के कारण भारत कोरोना के प्रतिकूल प्रभावों को कम कर सका: कोविंद

डिजिटल बुनियादी ढांचा मजबूत बनाने के कारण भारत कोरोना के प्रतिकूल प्रभावों को कम कर सका: कोविंद

नयी दिल्ली, 30 दिसंबर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने आने वाले समय में कोविड-19 महामारी समाप्त होने की उम्मीद जताते हुए बुधवार को कहा कि हाल के वर्षों में डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के कारण भारत कोरोना के कारण उत्पन्न गतिशीलता संबंधी प्रतिबंधों के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने में सफल रहा ।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने इस संकट का उपयोग आगे बढ़ने के अवसर के रूप में किया ।

राष्ट्रपति ने आबादी के एक हिस्से के अभी भी डिजिटल उपकरणों और सेवाओं के लाभ को उठाने में सक्षम नहीं होने का भी जिक्र किया और प्रभावी नवोन्मेष के जरिये इन्हें डिजिटल पहुंच उपलब्ध कराने की जरूरत पर बल दिया।

राष्ट्रपति ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डिजिटल इंडिया अवार्ड 2020 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ यह साल अब समाप्त होने वाला है और हमें उम्मीद है कि महामारी भी जल्द ही समाप्त हो जाएगी। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि कोरोना वायरस ने सामाजिक संबंधों, आर्थिक गतिविधियों, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और जीवन के कई अन्य पहलुओं के मामले में दुनिया को बदल दिया है।’’

कोविंद ने कहा कि भारत न केवल गतिशीलता-प्रतिबंधों के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए तैयार था, बल्कि विभिन्न मोर्चो पर आगे बढ़ने के अवसर के रूप में इस संकट का भी उपयोग किया। यह केवल इसलिए संभव हो पाया क्योंकि हाल के वर्षों में डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि कोविड-19 ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है और हमने भारत को और आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है। आने वाले दिनों में हमारी इस यात्रा में प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण प्रवर्तक बनने जा रही है।

उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में और शासन के सभी स्तरों पर आधुनिक तकनीकों को लागू करने और अपनाने में भारत सबसे आगे रहा है। हमें सभी नागरिकों के जीवनयापन में सुधार के उद्देश्य से अभिनव समाधान देने के लिए खुद को चुनौती देते रहना होगा।

कोविंद ने कहा कि हमें प्रौद्योगिकी और आईसीटी आधारित नवोन्मेषी समाधान का उपयोग हमारे देश के सुदूर क्षेत्रों में भी आर्थिक समावेशिता और सामाजिक बदलाव के लिये करना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमारी आबादी का एक हिस्सा अब भी डिजिटल उपकरणों और सेवाओं के लाभ को उठाने में सक्षम नहीं है। प्रभावी नवोन्मेष के जरिये डिजिटल पहुंच सुगम बनाकर ऐसे लोगों की संख्या को कम करने की जरूरत है। इससे हमारी डिजिटल क्रांति और समावेशी हो सकेगी।’’

उन्होंने कहा कि इस दौरान शिक्षा का काम बिना रूकावट के जारी रहा क्योंकि अधिकतर संस्थानों ने आनलाइन कक्षाएं शुरू कीं। न्यायपालिका से टेलीमेडिसिन सहित अलग अलग क्षेत्रों ने डिजिटल माध्यम को अपनाया।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार के लिये भी नागरिकों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं देने और अर्थव्यवस्था के पहिये को चलायमान रखने के लिये सूचना प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण माध्यम बनकर सामने आई।

कोविंद ने कहा कि सक्रिय डिजिटल माध्यम उपयोग के कारण हम लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद भी सरकार की महत्वपूर्ण सेवाओं के परिचालन को जारी रखना सुनिश्चित करने में सक्षम रहे। इसके साथ ही महामारी के प्रबंधन में भी हमें मदद मिली ।

उन्होंने कहा कि आरोग्य सेतु, ई-ऑफिस और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेवाओं जैसे मजबूत सूचना संचार प्रौद्योगिकी के बुनियादी ढांचे द्वारा समर्थित प्लेटफार्मों के सक्रिय कार्यान्वयन ने देश को महामारी की कठिनाइयों को कम करने में मदद मिली है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें सरकारी दफ्तरों में कामकाज के कागजमुक्त और सुरक्षा की दृष्टि से सम्पर्क रहित बनाने एवं नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए नवोन्मेषी समाधान तलाश करने की जरूरत है। इससे प्रशासनिक प्रक्रिया पर्यावरण अनुकूल बनाने में भी मदद मिलेगी ।’’

गौरतलब है कि डिजिटल-गवर्नेंस में अनुकरणीय पहलों और प्रयासों को सम्मानित करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय पोर्टल के दायरे में डिजिटल इंडिया अवार्ड का गठन किया गया है। इसके तहत छह श्रेणियों के तहत छठे डिजिटल इंडिया अवार्ड्स 2020 की घोषणा की गई है । इनमें महामारी में नवाचार, डिजिटल गवर्नेंस में उत्कृष्टता-केंद्रीय मंत्रालय या मंत्रालय का कोई विभाग, डिजिटल गवर्नेंस में उत्कृष्टता - राज्य / केंद्र शासित प्रदेश, डिजिटल गवर्नेंस में उत्कृष्टता, ओपन डेटा चैंपियन और अनुकरणीय उत्पाद क्षेत्र शामिल हैं ।

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, इन पुरस्कारों के लिए ऑनलाइन नामांकन की प्रक्रिया 23 अक्टूबर से शुरू हुई और एक महीना तक जारी रही। इस दौरान 402 नामांकन प्राप्त हुए।

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