नई दिल्लीः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को अपने अमेरिकी समकक्ष मार्क टी एस्पर के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और इस दौरान पूर्वी लद्दाख में भारत तथा चीन के बीच सीमा विवाद एवं क्षेत्र में समूचे सुरक्षा परिदृश्य पर प्रमुखता से चर्चा हुई।
घटनाक्रम से अवगत सूत्रों ने कहा कि सिंह तथा एस्पर ने द्विपक्षीय रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने के तौर-तरीकों पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि टेलीफोन पर यह वार्ता अमेरिकी पक्ष के आग्रह पर हुई। इस संबंध में एक सूत्र ने कहा, ‘‘दोनों मंत्री नियमित तौर पर एक-दूसरे के संपर्क में रहे हैं। उन्होंने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और पारस्परिक हित के मुद्दों पर कई बार बात की है।
आज की वार्ता इसी जारी आदान-प्रदान का हिस्सा थी।’’ भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में कई जगहों पर करीब आठ सप्ताह से गतिरोध चला आ रहा था। गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद तनाव कई गुना बढ़ गया था। इस झड़प में चीनी सेना को भी नुकसान हुआ जिसका उसने अब तक ब्योरा नहीं दिया है।
अमेरिकी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के सैनिकों के साथ झड़प में 35 चीनी सैनिक हताहत हुए। पिछले पांच दिनों में चीनी सेना ने भारतीय सेना के साथ बनी समझ के अनुरूप गतिरोध के तीन स्थानों से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है। दोनों पक्षों ने पिछले दिनों में क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर कई दौर की बात की है।
राजनाथ ने दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री से फोन पर बात की
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को दक्षिण कोरिया के अपने समकक्ष जियोंग क्येओंग-दू से फोन पर बात की और सैन्य उपकरणों तथा महत्वपूर्ण प्रणालियों के संयुक्त उत्पादन की शुरुआत कर द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और मजबूत करने पर बल दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। दक्षिण कोरिया विगत कई साल से भारत को अस्त्रों और सैन्य उपकरणों का बड़ा आपूर्तिकर्ता रहा है।
पिछले साल, दोनों देशों ने विभिन्न थल एवं नौसैन्य प्रणालियों के संयुक्त उत्पादन में सहयोग के लिए एक प्रारूप को अंतिम रूप दिया। सरकार ने मई में रक्षा क्षेत्र में विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए स्वत: स्वीकृत मार्ग के तहत 74 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देकर रक्षा विनिर्माण में एफडीआई नियमों में छूट देने की घोषणा की थी। टेलीफोन पर यह वार्ता भारत और चीन के बीच सीमा मुद्दे पर उत्पन्न तनाव के बीच हुई है। तत्काल यह पता नहीं चल पाया है कि बातचीत के दौरान यह मुद्दा उठा या नहीं।
रक्षा मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि टेलीफोन पर हुई वार्ता के दौरान साझा सुरक्षा हितों से जुड़े क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर भी विचारों का आदान-प्रदान हुआ। अधिकारियों ने बताया कि दोनों मंत्रियों ने विभिन्न द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पहलों को लेकर हुई प्रगति की समीक्षा की तथा सशस्त्र बलों के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत और कोरिया गणराज्य के बीच रक्षा उद्योग और रक्षा प्रौद्योगिकी सहयोग के क्षेत्र में हुस समझौतों को आगे बढ़ाने पर भी सहमति बनी।’’
अधिकारियों ने बताया कि दोनों पक्षों ने सैन्य उपकरणों और महत्वपूर्ण प्रणालियों के संयुक्त उत्पादन की शुरुआत करने के तौर-तरीकों पर भी चर्चा की। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि मंत्रियों ने कोविड-19 से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की और महामारी से उत्पन्न जटिल चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए। इसने कहा, ‘‘सिंह ने जियोंग क्येओंग-दू को कोविड-19 से निपटने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में भारत के योगदान की जानकारी दी और महामारी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में पारस्परिक सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की।’’