लद्दाख झड़प: राष्ट्रपति कोविंद बोले-सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों के अदम्य साहस को मैं नमन करता हूं

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 17, 2020 07:44 PM2020-06-17T19:44:31+5:302020-06-17T20:10:03+5:30

बीरभूम के बेलगोरिया गांव के एक युवक राजेश ओरंग गलवान घाटी में मारे गए। उनकी मौत की खबर कल परिवार को मिली। राजेश परिवार का इकलौता बेटा था। दो बहनें हैं। बड़ी बहन की शादी हो चुकी है।

India-china Ladakh clash President Kovind indomitable courage soldiers supreme sacrifice PM Narendra Modi | लद्दाख झड़प: राष्ट्रपति कोविंद बोले-सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों के अदम्य साहस को मैं नमन करता हूं

भारत पूरी दृढ़ता से देश की एक-एक इंच जमीन और देश के स्वाभिमान की रक्षा करेगा। (photo-ani)

Highlightsचीन के साथ लगी करीब 3,500 किलोमीटर की सीमा पर भारतीय थल सेना और वायु सेना के अग्रिम मोर्चे पर स्थित ठिकानों को बुधवार को हाई अलर्ट कर दिया गया। आधिकारिक सूत्रों ने इस बारे में जानकारी दी है। गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए।मुख्यमंत्रियों के साथ डिजिटल बैठक के दूसरे दिन अपने बयान में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ‘‘अपनी अखंडता और संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा।

नई दिल्लीः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले हमारे सैनिकों के अदम्य साहस को मैं नमन करता हूं। वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों के शौर्य को देश हमेशा याद रखेगा, उनके शोक संतप्त परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। लद्दाख की गलवान घाटी में अपने प्राण न्योछावर करने वाले जवानों ने भारतीय सशस्त्र सेनाओं की उच्च परंपरा का मान रखा है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को कहा कि वह लद्दाख की गलवान घाटी में देश की संप्रभुता और अखंडता को बचाने के लिए चीन के साथ हुए संघर्ष में भारतीय जवानों के अदम्स साहस और बलिदान को नमन करते हैं। चीन और भारतीय सेनाओं के बीच सोमवार रात को हिंसक झड़प में एक कर्नल समेत 20 भारतीय सैन्य कर्मी मारे गए।

राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, ‘‘लद्दाख की गलवान घाटी में अपनी जान न्योछार करने वाले हमारे वीर सैनिकों ने भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वश्रेष्ठ परंपरा का निर्वहन किया है। उनकी शौर्यगाथा देशवासियों के स्मृतिपटल पर सदा अंकित रहेगी। उनके परिवारों के प्रति मेरी गहरी शोक संवेदनाएं।’’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘‘देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करने के लिए, लद्दाख की गलवान घाटी में हमारे सैनिकों के अदम्य साहस और बलिदान को मैं, सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूप में, नमन करता हूं।’’

लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प पर अपने पहले बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत शांति चाहता है किंतु यदि उकसाया गया तो वह माकूल जवाब देने में सक्षम है। साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।

पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच झड़प के मद्देनजर चीन के साथ लगी करीब 3,500 किलोमीटर की सीमा पर भारतीय थल सेना और वायु सेना के अग्रिम मोर्चे पर स्थित ठिकानों को बुधवार को हाई अलर्ट कर दिया गया। आधिकारिक सूत्रों ने इस बारे में जानकारी दी है। गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए।

भारत शांति चाहता है लेकिन उकसाये जाने पर माकूल जवाब देने में सक्षम: प्रधानमंत्री

कोरोना वायरस महामारी पर मुख्यमंत्रियों के साथ डिजिटल बैठक के दूसरे दिन अपने बयान में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ‘‘अपनी अखंडता और संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा और भारत पूरी दृढ़ता से देश की एक-एक इंच जमीन और देश के स्वाभिमान की रक्षा करेगा।’’ पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ सोमवार की रात हुई झड़प में एक कर्नल समेत 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गये थे। इस घटना के दो दिन बाद प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान आया है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत सांस्कृतिक रूप से एक शांति प्रिय देश है...हमने हमेशा से ही अपने पड़ोसियों के साथ मिलकर और मैत्रीपूर्ण तरीके से काम किया है। हमेशा उनके विकास और कल्याण की कामना की है। जब भी समय आया है, हमने देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है, अपनी क्षमताओं को साबित किया है।’’ झड़प में शहीद हुए सैन्यकर्मियों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत माता के वीर सपूतों ने गलवान घाटी में हमारी मातृभूमि की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज पूरा देश आपके साथ है, देश की भावनाएं आपके साथ हैं। हमारे इन शहीदों का ये बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा।’’

उन्होंने इस डिजिटल बैठक में शामिल लोगों से शहीद सैनिकों के सम्मान में दो मिनट का मौन रखने को भी कहा। मोदी ने कहा कि जहां कहीं हमारे मतभेद भी रहे हैं, हमने सदा ही यह प्रयास किया है कि मतभेद विवाद न बनें। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हम हमारे लिए भारत की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है, और इसकी रक्षा करने से हमें कोई भी नहीं रोक सकता। इस बारे में किसी को भी जरा भी भ्रम या संदेह नहीं होना चाहिए।’’ प्रधानमंत्री ने भारत-चीन सीमा स्थिति पर चर्चा करने के लिए 19 जून को एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है।

विपक्षी पार्टियों ने मांग की थी कि सरकार को पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बारे में विस्तृत जानकारी देनी चाहिए। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ट्वीट किया, ‘‘भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में स्थिति पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून की शाम पांच बजे एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस डिजिटल बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के अध्यक्ष हिस्सा लेंगे।’’ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने की पृष्ठभूमि में बुधवार को सवाल किया कि इस मामले पर प्रधानमंत्री मोदी चुप क्यों हैं? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सामने आकर को देश को सच्चाई बताएं और हम सब उनके साथ खड़े हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी सेना के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि गलवान घाटी में सैनिकों को गंवाना बहुत व्यथित करने वाला और दुखद है। सिंह ने ट्वीट किया कि भारतीय जवानों ने कर्तव्य का पालन करते हुए अदम्य साहस एवं वीरता का प्रदर्शन किया और अपनी जान न्यौछावर कर दी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘देश अपने सैनिकों की बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। शहीद सैनिकों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।

देश इस मुश्किल समय में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। हमें भारत के वीरों की बहादुरी और साहस पर गर्व है।’’ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत हमेशा अपने उन सैनिकों के प्रति ऋणी रहेगा जिन्होंने लद्दाख के गलवान में देश की सीमा की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवा दी। उन्होंने कहा कि उनकी वीरता मातृभूमि के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। शाह ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा कि लद्दाख के गलवान में अपने बहादुर सैनिकों को खोने की पीड़ा को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा, "भारत उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए हमेशा ऋणी रहेगा। पूरे देश के साथ ही मोदी सरकार दुख की इस घड़ी में उनके परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।’’ 

गलवान घाटी में झड़प : थल सेना, नौसेना, वायु सेना ने बढ़ायी चौकसी

भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी सतर्कता बढ़ा देने को कहा गया है, जहां चीनी नौसेना की नियमित तौर पर गतिविधियां होती हैं। सूत्रों ने बताया कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उच्च स्तरीय बैठक के बाद तीनों बलों के लिए अलर्ट का स्तर बढ़ाने का निर्णय किया गया।

उन्होंने बताया कि अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास अग्रिम मोर्चे पर तैनात सभी ठिकानों और टुकड़ियों के लिए सेना पहले ही अतिरिक्त जवानों को भेज चुकी ह। भारतीय वायु सेना ने भी अग्रिम मोर्चे वाले अपने सभी ठिकानों अलर्ट बढ़ाते हुए एलएसी पर नजर रखने को कहा है। सूत्रों ने बताया कि चीनी नौसेना को कड़ा संदेश देने के लिए भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी तैनाती बढ़ा रही है ।

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