लेह: भारत और चीन के बीच तनावपूर्ण स्थितियों के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) आज (15 जुलाई) को सुबह लेह (Leh Ladakh) पहुंचे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे भी हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने दो दिवसीय दौरे पर हैं। जिसके दौरान वह लद्दाख और जम्मू-कश्मीर जाएंगे। अपने दौरे के पहले दिन आज वह लेह पहुंचे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कल (18 जुलाई) को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे के साथ श्रीनगर जाएंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवाणे के लेह हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद लद्दाख के सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल और सेना की 14वीं कोर के अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
राजनाथ सिंह अपने इस दौरे में सैन्य अधिकारियों के साथ एलएसी की स्थितियों पर भी चर्चा करेंगे। इसके अलावा वह अस्पताल में भर्ती उन जवानों से मिलेंगे, जो 15 जून 2020 को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में घायल हो गए थे।
राजनाथ सिंह लेह में सुरक्षा एजेंसियों और सैन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक में भी हिस्सा लेंगे। 15 जून 2020 को चीनी सैनिकों के साथ हिसंक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे।
LAC भारत-चीन गतिरोध के बाद राजनाथ सिंह का लद्दाख का यह पहला दौरा है
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह देश की सैन्य तैयारियों का जायजा लेने और समग्र स्थिति की समीक्षा भी करेंगे। राजनाथ सिंह का यह दौरा ऐसे वक्त हो रहा है जब भारत और चीन तनातनी वाले स्थानों से सैनिकों को पूरी तरह पीछे हटाने के लिए एक कार्ययोजना को अंतिम रूप देने की ओर बढ़ रहे हैं। भारत और चीन की सेनाओं के बीच पांच मई को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गतिरोध शुरू होने के बाद से राजनाथ सिंह का लद्दाख का यह पहला दौरा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन जुलाई को लद्दाख का औचक दौरा किया था। पीएम मोदी ने अपने दौरे के दौरान सैनिकों को संबोधित किया था और सीमा पर जारी गतिरोध से सख्ती से निपटने का संकेत दिया था।
लद्दाख से रक्षा मंत्री श्रीनगर जाएंगे जहां वह शनिवार (18 जुलाईः को वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक में पाकिस्तान से लगती नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर स्थिति की समीक्षा करेंगे। राजनाथ सिंह को पहले तीन जुलाई को लद्दाख जाना था, लेकिन उनका यह दौरा टल गया था। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच कई स्थानों पर पांच मई से गतिरोध जारी था। गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे। झड़प में चीनी सेना को भी नुकसान हुआ जिसकी उसने अब तक जानकारी नहीं दी है