नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में भारत व चीन सीमा पर तनाव जारी है। मिल रही जानकारी के मुताबिक, पिछले 20 दिनों में दोनों देशों की सेना के बीच तीन बार गोलीबारी की घटना हुई है। दोनों देशों के बीच पहली बार फायरिंग की घटना 29 व 31 अगस्त के बीच हुई। इसके बाद, भी दो बार और दोनों देशों की सेना के बीच फायरिंग हुई है।
यही वजह है कि दोनों देशों के बॉर्डर पर भारी तनाव है। चीनी सेना ने एक बार फिर से पैंगोंग झील के दक्षिणी हिस्से पर घुसपैठ करने की कोशिश की थी, जिसे भारतीय सेनाओं ने असफल कर दिया था। मिल रही जानकारी के मुताबिक, 7 सितंबर को मुखपरी में दूसरी बार दोनों देशों की सेना के बीच गोली चलने की घटना हुई थी।
यही नहीं 8 सितंबर को पैंगोंग झील के पास फिर से दोनों देशों की सेना आमने सामने हो गई, इस बार चीनी सेना के काफी उग्र होने की वजह से दोनों तरफ से करीब 100 राउंड गोली चलने की खबर है।
राजनाथ सिंह ने माना, चीन ने 38 हजार स्क्वायर किलोमीटर भूमि पर घुसपैठ किया, तो राहुल ने या कहा-
मंगलवार को संसद में भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह सदन अवगत है चाईना, भारत की लगभग 38,000 स्क्वायर किलोमीटर भूमि का अनधिकृत कब्जा लद्दाख में किए हुए है। रक्षा मंत्री के इस बयान पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला किया है।
राहुल गांधी ने कहा कि रक्षामंत्री के बयान से साफ है कि मोदी जी ने देश को चीनी अतिक्रमण पर गुमराह किया है। इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि हमारा देश हमेशा से भारतीय सेना के साथ खड़ा था, है और रहेगा। लेकिन, मोदी जी, आप कब चीन के ख़िलाफ़ खड़े होंगे? चीन से हमारे देश की ज़मीन कब वापस लेंगे? चीन का नाम लेने से डरो मत।
बता दें कि रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि 1963 में एक तथाकथित बाउंडरी एग्रीमेंट के तहत, पाकिस्तान ने PoK की 5180 स्क्वायर किलोमीटर भारतीय जमीन अवैध रूप से चाईना को सौंप दी है। LAC पर चीन ने सैनिक व गोला बारूद जुटा लिए हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी सेना भी तैयार है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह भी बताना चाहता हूं कि अभी तक भारत-चीन के बॉर्डर इलाके में कॉमनली डेलीनिएटिड LAC नहीं है और LAC को लेकर दोनों की धारणा अलग-अलग है।
दोनों पक्षों को सभी समझौतों का पालन करना चाहिए: राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने कहा कि समझौते में यह भी है कि सीमा मुद्दे का पूर्ण समाधान नहीं होने तक वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किसी सूरत में नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमने चीन को कूटनीतिक और सैन्य चैनलों से अवगत करा दिया है कि यथास्थिति को एकपक्षीय तरीके से बदलने का प्रयास कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’’
रक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच इन प्रमुख सिद्धांतों पर सहमति बनी है कि दोनों पक्षों को एलएसी का सम्मान और कड़ाई से उसका पालन करना चाहिए, किसी भी पक्ष को यथास्थिति के उल्लंघन का प्रयास नहीं करना चाहिए और दोनों पक्षों को सभी समझौतों का पालन करना चाहिए।
सिंह ने कहा कि मौजूदा स्थिति के अनुसार चीनी सेना ने एलएसी के अंदर बड़ी संख्या में जवानों और हथियारों को तैनात किया है और क्षेत्र में दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव के अनेक बिंदु हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सेना ने भी जवाबी तैनातियां की हैं ताकि देश के सुरक्षा हितों का पूरी तरह ध्यान रखा जाए। हमारे सशस्त्र बल इस चुनौती का डटकर सामना करेंगे।