भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में 5 मई को शुरू हुआ तनावपूर्ण माहौल अभी तक कायम है। 15 जून को दोनों देशों के जवानों के बीच खूनी संघर्ष के बाद पहली बार सीमा विवाद को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच बुधवार को कूटनीतिक चर्चा हुई। वार्ता के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर मीटिंग को लेकर जानकारी दी।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत-चीन ने सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष रूप से पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। भारतीय पक्ष ने पूर्वी लद्दाख में हाल में हुईं घटनाओं पर अपनी चिंता व्यक्त की जिसमें 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प शामिल थी।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि वार्ता के दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि भारत-चीन को एलएसी का सख्ती से सम्मान और निरीक्षण करना चाहिए। दोनों प्रतिनिधिमंडलों ने सहमति व्यक्त कर कहा कि इस तरह की समझ द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार, सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति स्थापित करने और दोनों देशों के व्यापक विकास में मदद करेगा।
लद्दाख में 15 जून को शहीद हुए थे 20 भारतीय जवान
बता दें कि सोमवार को लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ खूनी झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 जवान शहीद हो गए थे। भारतीय सेना ने बताया है कि शहीद हुए जवानों में 15 जवान बिहार रेजिमेंट से थे। इसके अलावा पंजाब रेजिमेंड के 3, 81 एमपीएससी रेजिमेंट और 81 फील्ड रेजिमेंट के एक-एक जवान शहीद हुए।