लाइव न्यूज़ :

पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर से डॉक्टरी करने वाले भारत में नहीं कर पाएंगे प्रैक्टिस, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने जारी किया नोटिस

By सुमित राय | Updated: August 13, 2020 06:01 IST

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने नोटिस जारी कर कहा है कि पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में स्थित किसी भी मेडिकल संस्थान से डॉक्टरी करने वाले भारत में प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे।

Open in App
ठळक मुद्देपीओके से डॉक्टरी करने वाले लोगों को भारत में प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने कहा है कि POJKL के मेडिकल कॉलेजों को मान्यता नहीं है।एमसीआई ने नोटिस में कहा कि पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा है।

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) ने पाकिस्तान को झटका देते हुए फैसला किया है कि पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के किसी भी मेडिकल इंस्टिट्यूट से डॉक्टरी करने वाले लोगों को भारत में प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाकिस्तान द्वारा 1600 कश्मीरी स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप देने का ऐलान करने के बाद यह कदम उठाया गया है।

एमसीआई की तरफ से जारी पब्लिक नोटिस में कहा गया है, "पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर और लद्दाख (POJKL) में स्थित किसी मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई करने वाला शख्स भारत में मॉडर्न मेडिसिन का पढ़ाई नहीं कर सकेगा।"

नोटिस में एमसीआई ने कहा, "यह सूचित किया जाता है कि केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का पूरा क्षेत्र भारत का अभिन्न हिस्सा है। पाकिस्तान ने इसके कुछ हिस्सों पर अवैध और जबरन कब्जा किया हुआ है। इसलिए पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में स्थित किसी भी मेडिकल संस्थान को आईएमसी ऐक्ट 1956 के तहत अनुमति/मान्यता जरूरी है। POJKL के किसी भी मेडिकल कॉलेज को यह अनुमति नहीं दी गई है।"

एमसीआई ने नोटिस में आगे कहा है, "अवैध रूप से भारत के हिस्सों पर कब्जा किए गए इन इलाकों में स्थित किसी भी मेडिकल कॉलेज से कोई क्ववॉलिफिकेशन लेने वाला शख्स भारत में मॉडर्न मेडिसिन की प्रैक्टिस के लिए इंडियन मेडिकल काउंसिल ऐक्ट 1956 के तहत पंजीकरण नहीं करा सकता।"

बता दें कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया का यह फैसला जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के निर्देश के कई महीनों बाद आया है, जिसमें एमसीआई और विदेश मंत्रालय से इस बात पर विचार करने को कहा गया था कि क्या पीओके से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को प्रैक्टिस की अनुमति दी जा सकती है। कोर्ट ने दिसंबर 2019 में एक युवा कश्मीरी महिला की याचिका पर यह आदेश दिया था, जिसने पीओके से डॉक्टरी की थी, लेकिन उसे विदेश से डिग्री हासिल करने वालों के लिए आयोजित परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया था।

टॅग्स :डॉक्टरजम्मू कश्मीरलद्दाखपाकिस्तान
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

क्रिकेटवैभव सूर्यवंशी की टीम बिहार को हैदराबाद ने 7 विकेट से हराया, कप्तान सुयश प्रभुदेसाई ने खेली 28 गेंदों में 51 रन की पारी, जम्मू-कश्मीर को 7 विकेट से करारी शिकस्त

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

बॉलीवुड चुस्कीDhurandhar: फिल्म में दानिश पंडोर निभा रहे हैं उज़ैर बलूच का किरदार, कराची का खूंखार गैंगस्टर जो कटे हुए सिरों से खेलता था फुटबॉल, देखें उसकी हैवानियत

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए

भारत अधिक खबरें

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण