नई दिल्ली: भारत और चीन सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत में नरेंद्र मोदी सरकार ने चीन के टिकटॉक 59 ऐप को देश में पूरी तरह से बैन कर दिया है। चीनी ऐप के बंद किए जाने के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार द्वारा इन ऐप को बंद किए जाने से हमें बेहद दु:ख है।
इसके साथ ही चीन ने भारत के उठाए गए इस कदम के प्रति नराजगी प्रकट की है। इसी बीच खबर है कि चीन के सभी 59 ऐप को बंद करने के बाद अब भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी ने Weibo अकाउंट से हटने का फैसला लिया है।
एएनआई रिपोर्ट की मानें चीन में काफी पॉपुलर सोशल मीडिया एकाउंट वीबो पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रोफाइल बुधवार को पूरी तरह से ब्लैंक हो गया। प्रधानमंत्री ने अपने सारे पोस्ट हटा दिए हैं।
जिस तरह दुनिया भर के देशों में ट्विटर इस्तेमाल किया जाता है, ठीक उसी तरह चीन में वीबो को लोग इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में खबर है कि वीबो पर पीएम नरेंद्र मोदी के अकाउंट्स से से फोटो, पोस्ट्स और कमेंट्स हटा दी गई है।
नरेंद्र मोदी ने चीनी लोगों से सीधे जुड़ने के लिए 2015 में बनाया था वीबो अकाउंट-
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने वीबो एकाउंट साल 2015 में बतौर प्रधानमंत्री उनके पहले चीन दौरे के वक्त बनाया गया था। अकाउंट बनाने के बाद से ही पीएम मोदी वीबो पर पोस्ट्स चीनी भाषा में करते थे। चीन के लोगों से सीधे जुड़ने के ख्याल से पीएम नरेंद्र मोदी ने ये अकाउंट बनाया था।
शी जिनपिंग के साथ हुए अहम बैठक व भारत-चीन संबंध को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी यहां अपनी बात रखते थे।
पीएम नरेंद्र मोदी के वीबो अकाउंट पर 2 लाख 44 हजार फॉलोअर्स-
जानकारी के लिए बता दें कि वीबो पर अकाउंट बनाने के बाद से अब तक करीब 2 लाख 44 हजार फॉलोअर्स पीएम नरेंद्र मोदी के हो चुके थे, जिनमें ज्यादातर चीन के लोग थे।
हलांकि बात यह भी सामने आ रही थी कि चीन सरकार ने नरेंद्र मोदी के वीबो अकाउंट पर काफी संख्या में चीनी लोगों के जुड़े होने की वजह से इस अकाउंट को ब्लैंक करने का फैसला लिया। लेकिन, प्रधानमंत्री कार्यालय ने साफ किया कि पीएम मोदी ने खुद इस प्लेटफॉर्म से हटने का फैसला लिया है।
10 दिन पहले नरेंद्र मोदी और भारतीय दूतावास के बयान को वीचैट से हटाया गया था-
पीएम मोदी के इस प्लेटफॉर्म से हटने की घटना के करीब 10 दिन पहले चीन के लोकप्रिय सोशल मीडिया एप वीचैट से पीएम नरेंद्र मोदी और भारतीय दूतावास के तीन अधिकारियों के बयानों को हटा दिया गया था।
यही नहीं भारतीय दूतवास के ऑफिशियल एकाउंट से भी भारत के बयान को डिलीट किया गया था।