भारत में 5 जी टेक्नालॉजी के ट्रायल्स अधर में, अमेरिका-चीन के बीच छिड़ी हुई है इस पर जंग

By हरीश गुप्ता | Updated: October 8, 2019 09:03 IST2019-10-08T09:03:58+5:302019-10-08T09:03:58+5:30

हुआवेई के भारत में सीईओ जे चेन ने दबाव को और बढ़ाते हुए कहा है कि उनकी कंपनी अब तक भारत में 3.5 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश कर चुकी है और अगर उसकी प्रौद्योगिकी को मंजूरी नहीं मिलती तो वह और निवेश से हाथ खींच लेगी.

India 5G technology trials in mess there is a war between America and China. | भारत में 5 जी टेक्नालॉजी के ट्रायल्स अधर में, अमेरिका-चीन के बीच छिड़ी हुई है इस पर जंग

भारत में 5 जी टेक्नालॉजी के ट्रायल्स अधर में, अमेरिका-चीन के बीच छिड़ी हुई है इस पर जंग

Highlightsजून 2019 में 5 जी ट्रायल शुरू करने की 100 दिन की डेडलाइन समाप्त हो चुकी हैएयरटेल के सुनील भारती मित्तल ने खुले तौर पर हुआवेई की 5 जी प्रौद्योगिकी को ही अपनाने की वकालत की है.

पांचवीं पीढ़ी की व्यावसायिक 5 जी प्रौद्योगिकी को लेकर दो महाशक्तियों अमेरिका और चीन के बीच मचे घमासान के कारण भारत असमंजस की स्थिति में है. इसकी वजह से इस अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का ट्रायल, नीलामी और क्रियान्वयन अधर में लटक गया है. माना जा रहा है कि नीलामी से 5.60 लाख करोड़ तक की आय हो सकती है.

गेंद सरकार के पाले में

टेलीकॉम नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने यह प्रौद्योगिकी हासिल करने और नीलामी की तारीख तय करने का फैसला राजनीतिक नेतृत्व के पाले में डाल दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ मुलाकात में यह मुद्दा उठा था. अब शुक्रवार को चीन के राष्ट्रपति के दौरे के मद्देनजर यह मुद्दा फिर गरमाने की संभावना है.

दावे और धमकियां

अमेरिका जहां अपनी 5 जी प्रौद्योगिकी को 'सबसे भरोसेमंद और सुरक्षित प्रौद्योगिकी' करार दे रहा है तो दूसरी ओर चीन ने अपनी कंपनी हुआवेई को खारिज किए जाने की आशंका को टालने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. उल्लेखनीय है कि चीन की इस कंपनी का भारत में 2 जी, 3 जी और 4 जी नेटवर्क पर दशकों से दबदबा है. हुआवेई ने तो भारत को सीधी धमकी ही दे डाली है कि अगर उसे भारत में 5 जी नेटवर्क की इजाजत नहीं दी गई तो वह और निवेश से पूरी तरह से हाथ खींच लेगा.

दबाव और बढ़ा

एयरटेल के सुनील भारती मित्तल ने खुले तौर पर हुआवेई की 5 जी प्रौद्योगिकी को ही अपनाने की वकालत की है. हुआवेई के भारत में सीईओ जे चेन ने दबाव को और बढ़ाते हुए कहा है कि उनकी कंपनी अब तक भारत में 3.5 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश कर चुकी है और अगर उसकी प्रौद्योगिकी को मंजूरी नहीं मिलती तो वह और निवेश से हाथ खींच लेगी. 5 जी प्रौद्योगिकी का ठेका पाने की होड़ में फिनलैंड की मशहूर मोबाइल कंपनी नोकिया भी शामिल है.

100 दिन की सीमा समाप्त

जून 2019 में 5 जी ट्रायल शुरू करने की 100 दिन की डेडलाइन समाप्त हो चुकी है, लेकिन दूरसंचार विभाग के पास ट्रायल्स को लेकर कोई रोडमैप ही नहीं है. 3 जून को दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि 100 दिन में 5 जी ट्रायल को शुरू करना उनकी प्राथमिकता है.

चौंकाने वाला वक्तव्य

5 जी के लिए बनी उच्चस्तरीय समिति के प्रमुख और मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन ने 13 जून को यह कहकर सबको चौंका दिया था, ''भारत को सभी संबंधित कंपनियों के साथ तत्काल 5 जी ट्रायल्स शुरू कर देना चाहिए, केवल चीनी कंपनियों को छोड़कर.'' उसके बाद से ही ट्रायल्स का मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है.

प्रतिनिधिमंडल आया था

मोदी के हालिया अमेरिकी दौरे के बाद अमेरिका के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका के उपविदेश मंत्री (साइबर व इंटरनेशनल कम्युनिकेशन व सूचना नीति) रॉबर्ट स्ट्रेयर के नेतृत्व में दिल्ली का दौरा भी किया था. उन्होंने भारत के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात कर 'भरोसेमंद सूत्रों' के साथ काम करने की इच्छा जताई थी.

Web Title: India 5G technology trials in mess there is a war between America and China.

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे